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उत्तर प्रदेश की 108, 102, एलएस एम्बुलेंस सेवा एक अप्रैल से बंद ?



बलिया। उत्तर प्रदेश की 108, 102, एलएस एम्बुलेंस सेवा एक अप्रैल से बंद हो सकती है। प्रदेश के सभी कर्मचारी एक साथ त्याग पत्र देने की दी धमकी
एम्बुलेंस कर्मी जिनका कोरोना के मरीजों का प्रथम सामना करते है अपने साथ गाड़ी में बैठा कर हॉस्पिटल ले कर आते है उनके पास पर्याप्त न तो ग्लोपस है न मास्क है न सेनेटाइजर है न अपरन है कोई सुरक्षा किट नही है ।
और दूसरी तरफ सरकार भी कोई सुविधा नही दे रही है। जबकि सरकारी कर्मचारी सफाई कर्मी से लगाय गांव की आशा बहुओं को ही क्यों न हो उसे 5000000 पचास लाख का वीमा दे रही और एम्बुलेंस कर्मियों को कह रही आप सरकारी कर्मचारी नही है आपके लिए कोई सुविधा नही है ।
पचास हजार बेतन पाने वाले को पचास लाख का वीमा और 6 से 12 हजार बेतन पाने वालों को सरकार कह रही आपके लिए कुछ नही है।
जब हम उनके कर्मचारी नही है तो हम कार्य करने को बाधित भी नही है। इस लिए सभी उत्तर प्रदेश के कर्मचारियो ने डिसीजन लिया है कि 31 मार्च 2020 तक अगर सरकार हम लोगो के बारे में भी कोई उचित डिसीजन नही लेती है तो 1 अप्रैल 2020 से सभी कर्मचारी नौकरी छोड़ के घर चले जएँगे ।

जो जगरूप और सरकार तक इन कर्मियों का दर्द पहुँचा सकते है प्लीज मदद करे ताकि एम्बुलेंस सेवा इस महामारी में ठीक से चलती रहे और कर्मचारी इसी तरह देव दूत बनके आम जनता की सेवा करते रहे ।।

इनसेट---
आज सम्पूर्ण मानव जाति के अस्तित्व पर जिस तरह से प्रकृति द्वारा खतरा मंडराया गया है वह निःशन्देह बहुत ही भयावह है,,,
मित्रों आज *_कोरोना वायरस_* से भारत माँ को बचाने के लिए सम्पूर्ण स्वास्थ्य विभाग युद्ध स्तर पर लगा है, *_जिसमें स्वास्थ्य विभग के रीढ़ की हड्डी बन चुकी 108,102 व ALS एम्बुलेन्स सेवा व उसमें तैनात कर्मचारी वाकई देवदूत बन कर सामने आए हैं_* और अपने फर्ज का निर्वहन कर रहे हैं, जिसकी की पूरा भारत भूरि-भूरि प्रसंशा कर रहा।
इसी कड़ी में हमारे उत्तर-प्रदेश में एम्बुलेन्स कर्मचारी बिना किसी सुरक्षा किट व अन्य उपकरण के बिना खये-पिये देवदूत का काम कर रहे हैं,,, जो कि शासन के समक्ष एक बहुत बड़ा प्रश्न उठ रहा कि *_क्या एम्बुलेन्स कर्मचारियों को कोरोना वायरस का खतरा नहीं है..?_* आज एम्बुलेन्स कर्मचारी लगभग 15 दिनों से अपने जान की सुरक्षा के लिए इधर-उधर मारे-मारे फिर रहे हैं,,, एम्बुलेन्स कर्मचारियों का कहना है कि *_आज हमारे पास किरोना वायरस से बचने के लिए कोई भी उपकरण उपलब्ध नहीं है फिर भी हम देश की खातिर अपने जान की परवाह किये बिना भारत माँ को बचाने में लगे हैं_*,।
पर शासन-सत्ता को अब चाहिए कि एम्बुलेन्स कर्मचारियों की बातों का संज्ञान लें अन्यथा एम्बुलेन्स कर्मचारी कोरोना वायरस की चपेट में आ जाएंगे या फिर हिम्मत से टूट जाएंगे।
*_यदि ऐसे में एम्बुलेंस कर्मचारियों के साथ कोई अनहोनी होती है तो फिर सम्पूर्ण स्वास्थ्य महकमा व आम जनमानस को भारी क्षति उठानी पड़ेगी जिसका की देश को भारी नुकसान हो सकता है।_*
एम्बुलेन्स कर्मचारियों की निम्न समस्याएं हैं--
👉 कोरोना वायरस से बच-बचाव के लिए कोई भी सुरक्षा किट नहीं है।
👉सेनेटाइजर, ग्लब्स, मास्क, हैंडवाश नहीं है।
👉 पिछले 2 माह से सेलरी (लगभग रु.96,00/माह की) भी नहीं मिली।
👉 अगस्त, 2019 से epf का पैसा भी कर्मचारियों के अकॉउंट में नहीं जमा हुआ।
👉 भोजन भी सही से नहीं मिल रहा।
👉 सरकार की तरफ से न कोई बीमा न कोई सहायता राशि ही मिल रही।
👉 परिवार से दूर 200km-400 km पर ड्यूटी करने को मजबूर।
👉 कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर उनके परिवार में भयावह स्थिति।
*_सरकार इनकी समस्याओं के निस्तारण हेतु तत्काल प्रभाव से कोई ठोस कदम उठाए अन्यथा सम्पूर्ण स्वास्थ्य विभाग चरमरा जाएगा।



रिपोर्ट : डेस्क

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