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कोरोना के योद्धा : परिवार से मिलता है और आत्मबल: डॉ केशव



बलिया : असर्फी अस्पताल में तैयार की गई चिकित्सीय टीम-1 की लीडरशिप कर रहे डॉ केशव इस ड्यूटी से बहुत खुश हैं। सबसे बड़ी बात कि उनकी पत्नी व माता-पिता की ओर से भी कोरोना की लड़ाई में योगदान देने के लिए लगातार प्रोत्साहन मिलता है। सीएचसी सिकन्दरपुर पर तैनात डॉ केशव का कहना है कि जब मुझे पता चला कि कोरोना मरीज मिलने की स्थिति में लेवल-1 टीम का लीडर बनाया गया है तो बड़ी खुशी हुई। इसकी जानकारी जब परिवार में पत्नी व माता पिता को हुई तो वहां से भी बल मिला। घर वालों का भी यही कहना था कि इस समय लोगों की सेवा में बेफिक्र होकर काम करें। जब घर से भी ऐसा बल मिलता हो वहाँ भला किस बात की चिंता रह जाएगी। अब तो बस हम पूरी मुस्तैदी से तैयार हैं और इस महामारी को जड़ से भगाने के बाद ही चैन की नींद सोएंगे।

फिक्र परिवार की नहीं, कोरोना को भगाने की है

टीम में शामिल वार्ड बॉय राजकुमार का भी उत्साह कहीं से कम नहीं है। राजकुमार सरकारी कालोनी में अपनी पत्नी व दो बच्चों संग रहते हैं। बातचीत में राजकुमार ने कहा कि अगर अस्पताल में कोई पॉजिटिव मरीज आया तो एक महीने घर से दूर रहना पड़ेगा। लेकिन इसको लेकर कोई चिंता नहीं है। चिंता और फिक्र तो इस बात की है कि कितनी जल्दी हम कोरोना महामारी पर विजय पा लेते हैं। जब ड्यूटी लगी तो थोड़ी घबराहट हुई लेकिन लोगों का सहयोग और जज्बा देख यह भी लगा कि देश के लिए कुछ करने का इससे बेहतर समय शायद नहीं मिलेगा। आज हम पूरी सतर्कता के साथ अपने लिए तत्पर हैं।



रिपोर्ट : धीरज सिंह

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