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पैदल यात्रा करना मंहगा पड़ा मजदूर ठेकेदार को गंवानी पड़ी जान




मनियर, बलिया । उत्तरांचल अंतर्गत नैनीताल के लाल कुंवा से एक मजदूर ठेकेदार को कथित तौर पर पैदल यात्रा करना महंगा पड़ा। बताया जा रहा है कि इसकी कीमत उसे अपनी जान गुरुवार की देर शाम गंवा कर चुकानी पड़ी। मामला मनियर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत दिघेड़ा अंतर्गत गौराबंगही का है।
प्राप्त सूचना के अनुसार स्थानीय निवासी श्याम बहादुर यादव उम्र 55 वर्ष पुत्र केदार यादव अक्सर मजदूरों को लेकर उत्तरांचल के लाल कुंवा जाते थे। वहां मजदूर नदी से रेता, बजरी निकालते थे। इस वर्ष भी वह कुछ मजदूरों को लेकर होली के दो दिन बाद गए थे। वहां लाल कुंवा के गौला गेट जिला नैनीताल उत्तरांचल में मजदूरों के साथ थे। नदी में ज्यादा पानी होने के कारण काम बंद था लिहाजा मजदूर गेहूं की कटिया किया करते थे और किसी तरह से अपनी जीविका चलाते थे। इसके बाद नदी का पानी कम होने पर मुश्किल से चार रोज काम किए थे तब तक लॉकडाउन हो गया।  वहां से वे अपने साथ गए करीब 10 मजदूरों के साथ पैदल निकल पड़े। छःमजदूर आगे निकल गए थे। उनके साथ चार मजदूर थे। तीन दिन  बाद करीब 100 किलोमीटर की यात्रा तय कर पीलीभीत पहुंचे। उनके साथ आये दया राजभर निवासी गौरी शाहपुर मठिया ने बताया कि बिना खाए-पिए,चाय और बिस्कुट के सहारे यह यात्रा इन लोगों ने पूरी की थी। बीच रास्ते में ही पीलीभीत के पास श्याम बहादुर यादव को पैरालाइसिस हो गया। उनके साथ चल रहे मजदूरों ने इसकी सूचना परिजनों को दी। परिजन उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी से संपर्क कर सहयोग की मांग की। उनकी पहल पर किसी स्थानीय नेता के सहयोग से उन्हें पीलीभीत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सिर्फ दया राजभर को वहां के प्रशासन ने श्याम बहादुर के साथ रहने को कहा । बाकी लोगों को वहीं क्वॉरेंटाइन कर दिया गया। वहां से उन्हें बरेली बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। वहां  स्थिति में सुधार न होने पर  एंबुलेंस कर उन्हें विगत रविवार को घर ले आया गया । बृहस्पतिवार के दिन किसी डॉक्टर के यहां ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
मृतक के दो पुत्र मनोज यादव 20 वर्ष व धर्मेंद्र 12 वर्ष का है। बड़ा लड़का मनोज यादव लाक डाउन में कर्नाटक के बंगलौर  शहर में फंसा हुआ है। दूसरा धर्मेंद्र 12 वर्ष का है जो पिता का दाह संस्कार कर रहा है। पत्नी धनवा देवी का रो रो कर बुरा हाल है। गंवा कर चुकानी पड़ी। मामला मनियर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत दिघेड़ा अंतर्गत गौराबंगही का है।
प्राप्त सूचना के अनुसार स्थानीय निवासी श्याम बहादुर यादव उम्र 55 वर्ष पुत्र केदार यादव अक्सर मजदूरों को लेकर उत्तरांचल के लाल कुंवा जाते थे। वहां मजदूर नदी से रेता, बजरी निकालते थे। इस वर्ष भी वह कुछ मजदूरों को लेकर होली के दो दिन बाद गए थे। वहां लाल कुंवा के गौला गेट जिला नैनीताल उत्तरांचल में मजदूरों के साथ थे। नदी में ज्यादा पानी होने के कारण काम बंद था लिहाजा मजदूर गेहूं की कटिया किया करते थे और किसी तरह से अपनी जीविका चलाते थे। इसके बाद नदी का पानी कम होने पर मुश्किल से चार रोज काम किए थे तब तक लॉकडाउन हो गया।  वहां से वे अपने साथ गए करीब 10 मजदूरों के साथ पैदल निकल पड़े। छःमजदूर आगे निकल गए थे। उनके साथ चार मजदूर थे। तीन दिन  बाद करीब 100 किलोमीटर की यात्रा तय कर पीलीभीत पहुंचे। उनके साथ आये दया राजभर निवासी गौरी शाहपुर मठिया ने बताया कि बिना खाए-पिए,चाय और बिस्कुट के सहारे यह यात्रा इन लोगों ने पूरी की थी। बीच रास्ते में ही पीलीभीत के पास श्याम बहादुर यादव को पैरालाइसिस हो गया। उनके साथ चल रहे मजदूरों ने इसकी सूचना परिजनों को दी। परिजन उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी से संपर्क कर सहयोग की मांग की। उनकी पहल पर किसी स्थानीय नेता के सहयोग से उन्हें पीलीभीत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सिर्फ दया राजभर को वहां के प्रशासन ने श्याम बहादुर के साथ रहने को कहा । बाकी लोगों को वहीं क्वॉरेंटाइन कर दिया गया। वहां से उन्हें बरेली बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। वहां  स्थिति में सुधार न होने पर  एंबुलेंस कर उन्हें विगत रविवार को घर ले आया गया । बृहस्पतिवार के दिन किसी डॉक्टर के यहां ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
मृतक के दो पुत्र मनोज यादव 20 वर्ष व धर्मेंद्र 12 वर्ष का है। बड़ा लड़का मनोज यादव लाक डाउन में कर्नाटक के बंगलौर  शहर में फंसा हुआ है। दूसरा धर्मेंद्र 12 वर्ष का है जो पिता का दाह संस्कार कर रहा है। पत्नी धनवा देवी का रो रो कर बुरा हाल है।


रिपोर्ट : राममिलन तिवारी

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