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परिषदीय विद्यालय में ड्रेस के लिए आठ फर्मों के कपड़े स्वीकार

- 29 फर्मों ने लिया भाग, जिलाधिकारी ने अधिकारियों की टीम के साथ किया चयन

- हर बीआरसी तक जाएंगे यही सैंपल, एसएमसी व बेसिक शिक्षा के अधिकारियों की भी जवाबदेही

बलिया: परिषदीय विद्यालयों में बेहतर गुणवत्ता का ड्रेस उपलब्ध कराने के प्रति जिलाधिकारी एसपी शाही स्वयं गंभीर हैं। स्कूली ड्रेस का कपड़ा चयन करने के लिए उन्होंने बकायदा कलेक्ट्रेट सभागार में 
मंगलवार को कई फर्म के कपड़े देखें। इस कार्य में उनके साथ संयुक्त मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर अन्नपूर्णा गर्ग वरिष्ठ कोषाधिकारी ममता सिंह, डीआईओएस भास्कर मिश्रा, उपयुक्त उद्योग राजीव पाठक, बीएसए शिवनारायण सिंह, सभी खंड शिक्षा अधिकारी भी थे। 
इसमें 29 लोग कपड़ों के नमूने लेकर सभागार में आए थे। अधिकारियों ने सभी कपड़ो को बारीकी से देखा, परखा और अंततः आठ फर्मों के कपड़ों को स्वीकार किया। बाकी 21 फर्मों के कपड़े छांट दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वीकार किए गए सैंपल हर बीआरसी तक पहुंचाए जाएंगे। इसी गुणवत्ता का ड्रेस सिलवाना एसएमसी व बेसिक शिक्षा के हर अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी।  

गुणवत्ता से खिलवाड़ हुआ तो जाएंगे जेल

जिलाधिकारी ने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटी अपने बच्चों के लिए बेहतर कपड़े खरीदे, यह उनको पूरा अधिकार है। पर कहीं कहीं अधिकार का दुरुपयोग भी दिख जाता है। इसी वजह से बेहतर गुणवत्ता का ड्रेस चयन करने के लिए हम सबको आगे आना पड़ा। उन्होंने दो टूक सन्देश दिया कि स्कूली बच्चों को दो सेट ड्रेस सरकार दे रही है। उसमें भी हीलाहवाली कत्तई ठीक नहीं। प्रत्येक स्कूल मैनेजमेंट कमेटी इसका ध्यान रखे। अगर कहीं ड्रेस की गुणवत्ता के साथ कोई खिलवाड़ हुआ तो जिम्मेदार सीधे जेल भेजे जाएंगे। उनके साथ जो भी होगा, वह भी सजा का भागीदार होगा।

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