मौत का सिलसिला अभी रुका नहीं फिर अनलाँक डाउन में आदेशों की उड़ रही धज्जियां
रसड़ा (बलिया )। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस संक्रमण खतरे को लेकर पूरे देश में 25 मार्च से लेकर 31 मई महीने तक 4 चरणों में लाँक डाउन था, पूर्णतया पाबंदी के साथ कड़ाई से पालन कराया गया ,धीरे-धीरे देश को गतिशील करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग दूरी का पालन करते हुए शासन ने लाँक डाउन को समाप्त कर अनलॉक कर दिया गया है, सरकार ने देशवासियों की समस्या को देखते हुए दुकानों से लेकर सब कुछ खोलने का निर्णय कर दिया लेकिन अनलॉक के होने के बाद जनपद सहित तहसील रसड़ा वासियों बेपरवाह होने लगे, लाँक डाउन पाबंदी के बाद अनलॉक में छूट मिली तो रसड़ा नगर में लोग बेखौफ होकर घूम रहे हैं, लोगों को न तो संक्रमण का भय है ,और न पुलिस का खौफ ,पूरे देश में अनलॉक लगाने का मतलब यह कतई नहीं है कि कोई भी करोना संक्रमण का वाहक वने, नगर में सभी लोग बेधड़क बिना मास्क के कहीं भी घूम रहे हैं ।कहीं पर भी शारीरिक दूरी के नियमों का जरा भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है, खुलने वाली दुकानों पर शायद ही कहीं हाथ धुलने से लेकर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था है ।पुलिस की जिम्मेदारी है कि जो भी बीना मास्क और गमछे के खुलेआम घूम रहे हैं, ऐसे लोगों का चालान काटा जाए जिससे लोगों में डर भय बना रहें ।लेकिन लाँकडाउन खत्म होने के बाद पुलिस भी दर्शक दीर्घा में ही र्बैठी है । रसड़ा में बेहिसाब खुलेआम घूम रहे हैं लोगों को खुलेआम घूम रहे लोगों को पुलिस उनकी जिम्मेदारी का पाठ अगर नहीं पढाई तो रसड़ा तहसील क्षेत्र की यह स्थिति भयानक हो सकती है।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह ।
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