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विभागीय उपेक्षा का दंश झेल रहा बलिया का यह सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र



रसड़ा (बलिया) उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद का रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आज भी आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध का पूर्ण व्यवस्था न होने के कारण मरीजों कों भारी दुश्वारियां उठानी पड़ रही है। इस स्वास्थ केंद्र पर एक तरफ जहां वर्षा से चिकित्सकों की कमी का दंश झेल रहा है वहीं यहां पर विभिन्न प्रकार के जांच, सफाई व्यवस्था तथा आवश्यक दवाओं के नाम पर सिर्फ कागजों में खानापूर्ति किया जाता है। इस अस्पताल परिसर में तो मरीजों सहित आशा बहुओं के बैठने के लिए कोई इंतजाम विभाग द्वारा नहीं कराया गया है।

नतीजन मरीजों व आशा बहु जमीन व बजबजाती नालियों पर बैठने को विवश होते हैं। दवाओं की बात करें तो यहां हमेशा ही आवश्यक दवाओं का अभाव ही बना रहता है। लोगों का कहना हैं कि यहां दवाएं तो पर्याप्त मात्रा में कागजों पर आती हैं मगर धरातल पर कब और किंतु किसे दिया जाता है यह तो दवां देने वाले ही बता पायेंगे। सफाई का आलम यह है कि कभी-कभार सफाई कर तो कर दिए नहीं तो उसी तरह गंदगी बनी रहती है।

सरकार सबका साथ सबका विकास के तहत स्वास्थय विभाग पर पानी की तरह पैसा बहा रही है मगर वर्षों से जिम्मेदार पद पर जमें अधिकारी कर्मचारी बाबू की वज़ह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपनों पर पानी फिर जा रहा है। सबसे दयनीय स्थिति गंभीर मरीजों को लेकर यहां पर है। खास तौर से सड़क दुर्घटनाआें में घायल मरीजों को इलाज करने के बजाय तत्काल रेफर के कागज तैयार कर दिए जाते हैं नतीजन अक्सर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।

पिछले 70दिनो में ना कोई अधिकारी ना मंत्री ना राजनेताओं का अस्पताल में ही दौरा हुआ । ऐसा नहीं कि इस गंभीर समस्या से विभाग अनजात है किंतु उच्चाधिकारियों व राजनेताओं के अपेक्षित सहयोग न मिलने से यहां कि स्थिति दिनप्रतिदिन दयनीय होती चली जा रही है। अगर यही हाल रहा तो रसड़ा सीएचसी से लोगों का मोह भंग होकर रह जायेगा।


रिपोर्ट पिन्टू सिंह

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