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जाने किसने कहा, नशा नाश का जड़ हैं



दुबहड़,बलिया। लत लग जाना ही नशा है। कोई भी नशा जीवन के तमाम खुशियों को छीन लेती है। नशेड़ी व्यक्ति के पास से धन- दौलत, जमीन - मकान के साथ अपनी पहचान, इज्जत, स्वाभिमान सब कुछ बिक जाता है। बचता है तो सिर्फ अपनी बरबादी। उक्त बातें अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर शुक्रवार की सुबह मीडिया सेंटर अखार पर सामाजिक चिंतक बब्बन विद्यार्थी ने पत्रकारों से बात- चीत के दौरान कही। कहा कि शहर हो या गांव किसी भी समारोह में नशा सेवन एक फैंशन बनता जा रहा है।आज हिंसा, बलात्कार, एक्सीडेंट एवं महिलाओं के साथ छेड़छाड़ आदि नशा के उन्माद मे ही आधीकतर हो रहें हैं। युवाओं को इससे दूर रहना चाहिए।  विद्यार्थी ने कहा कि जीवन में सक्रिय रहकर एवं दृढ़ प्रतिज्ञ होकर नशा की लत को छुड़ाया जा सकता है।


रिपोर्ट:- नितेश पाठक

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