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मनियर के गंगापुर में सम्पन्न हुआ गुरु दक्षिणा कार्यक्रम



मनियर, बलिया। डॉ केशव बलिराम हेडगेवार आरएसएस के संस्थापक एक प्रकांड विद्वान एवं क्रांतिकारी थे। इनका जन्म नागपुर के एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था। भारतीय राष्ट्रवाद के लिए इन्होंने  हिंदुओं को संगठित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को पांच स्वयंसेवकों से शुरू किया था। उस समय लोगों ने उनका उपहास किया था लेकिन वह पांच लोगों से शुरू  किया गया संगठन विश्व के 55 राष्ट्रों में फैल गया है।
उक्त बातें विद्या भारती के पूर्वी उत्तर प्रदेश केंद्र सोनौली के क्षेत्र संयोजक राघवजी ने मनियर गंगापुर में वीरेंद्र सिंह के दरवाजे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गुरु दक्षिणा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शुक्रवार को कहा। उन्होंने विस्तार से संघ की स्थापना, गुरु दक्षिणा कार्यक्रम,  गुरु दक्षिणा में मिले धन का उपयोग, भगवा ध्वज आदि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आर एस एस दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है और  परम पवित्र भगवा ध्वज को ही हेडगेवार जी ने गुरु माना। गुरु दक्षिणा में मिले धन का उपयोग अनाथ बच्चों के पालन पोषण, आपदाओं में तथा आदिवासी क्षेत्रों में गरीब बच्चों की शिक्षा, कॉपी, किताब इत्यादि पर खर्च किया जाता है। इस मौके पर डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के साथ साथ दूसरे सरसंघचालक एमएस गोलवलकर के भी चित्र पर माल्यार्पण किया गया। उन्होंने कहा कि यह दोनों महापुरुषों ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र एवं हिंदू संगठन के लिए समर्पित कर दिया। गुरु दक्षिणा कार्यक्रम में करीब 3 दर्जन लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संचालन खंड कारवां रॉबिंस सिंह ने किया।


रिपोर्ट : राममिलन तिवारी

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