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नया कृषि कानून किसानों के व्यापक हीत में है : भाजपा सांसद


बलिया । नया कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के व्यापक हीत में है।इस कानून के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में देश के किसानों से वादा किया था।किसानों ने उसपर विश्वास कर हमारा समर्थन किया था और हमारी पार्टी ने अपने वादा को निभाया है।यह उदगार सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त के है जो रविवार को अपने सांसदीय कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

सांसद ने कहा कि इसी तरह का कानून 1977 में जब मुरारजी देसाई प्रधान मंत्री बने थे तो लागू किया था।लेकिन जब कांग्रेस की सरकार आयी उस कानून को रद्द कर दिया गया।पहली बार किसानों को अपना उत्पादन बिना रुकावट व बिना किसी टेक्स के देश के किसी भी कोने में लेजाकर बेचने की आजादी मिली है।जिससे विपक्षी दल वाले परेशान हो गए है।देश के कुछ हिस्सों में नए किसान कानून के खिलाफ जो आंदोलन चल रहा है वह या तो किसानों को गुमराह करके करवाया जा रहा है या आढ़तियों द्वारा पैसा लगाकर प्रायोजित कर चलवाया जा रहा है।वास्तव में यह कानून किसानों के व्यापक हीत में है।न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून लागू रहेगा इसमे कही से संसय की बात नही है।लगान पर या ठेके पर खेत लेकर खेती करने वाले किसानों को भी क्षतिपूर्ति दिए जाने का कानून पहली बार इस देश मे हमारी सरकार ने लागू किया है।अब कृषि उत्पादन हो या पशुधन उत्पादन अथवा पशुधन किसान बिना रोकटोक कही भी ले जाकर बेच सकते है,खरीद सकते है।किसानों को जलभराव व बाढ़ से हुए नुकसान का मुवावजा कृषि निवेश योजना के तहत दिया जाएगा।वही जलजमाव व जल संरक्षण की व्यवस्था तत्काल किया जाएगा ताकि रबी की बुआई प्रभावित न हो।किसान रेल की चर्चा करते हुए सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने स्पस्ट किया कि इसका नामकरण जयप्रकाश नारायण किसान रेल किया गया है।यह रेल बलिया से दिल्ली व दिल्ली से कोलकाता तक चलेगी।जिसमे किसान के हरी सब्जियों व फलों को रखने के लिए वातानुकूलित यान होंगे।और किसानों के जाने के लिए गैर वातानुकूलित कोच।



रिपोर्ट : धीरज सिंह


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