पंचायत चुनाव को लेकर गांवो में गरमाने लगी सियासत
रतसर (बलिया) शासन एवं चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव की तिथि को लेकर कोई घोषणा भले ही ना की हो, लेकिन गांवो में पंचायत चुनाव को लेकर माहौल गरमाने लगा है। गांव के लोगों को गोलबंद करने की कवायद में संभाव्य प्रत्याशी जुट गये है। गांव की प्रधानी को लेकर एक-दूसरे पर तंज कसना सर्मथकों के माध्यम से सोशल मीडिया पर भी हंगामा होना शुरु हो गया है। गांव के चट्टी-चौराहे पर विपक्षी प्रत्याशी पर तीखे हमले करने से नही चुक रहे। गांवों में चल रही यह जुबानी जंग कही जगह गांव के माहौल को गरमा दे रही तो कई जगह बवाल का सबब बन रही। इसका जीता जागता मिशाल मंगलवार को रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के रत्तोपुर गांव में देखने को मिला जब चुनावी चर्चा में दो पक्ष भिड़ गए। जमकर मारपीट एवं हवाई फायरिंग में दर्जनों लोग घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनो पक्ष के लोगो को हिरासत में ले लिया और गांव में पुलिस की तैनाती करनी पड़ी। ये तो एक बानगी भर है। बता दे कि पंचायत चुनाव का वर्तमान काल समाप्त होने वाला है और अभी पंचायती चुनाव की तारीख की घोषणा भी नही हुई है लेकिन प्रधानी चुनाव को लेकर गांव में गहमा गहमी और बवाल शुरू हो गया है। हालांकि आरक्षण अनुक्रमण का डर संभावित प्रत्याशियों के मन में बना हुआ है। बीती 1 अक्टूबर से बीएलओ ने काम शुरू कर दिया वही मौजूदा ग्राम प्रधान लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाकर अपने पक्ष में करने में जुटे है। जानकारी के मुताबिक सभी बीएलओ को गणना कार्ड दिया गया है। इसे 42 दिन में घर - घर पहुंचकर सर्वे करने के बाद जमा करना है। एक ही कार्ड में नाम जोड़ने, हटाने और संसोधित करने काम चल रहा है। इसकी तीन प्रतियां होगी जिनमें एक प्रति संबन्धित परिवार को दुसरी एडीओ पंचायत कार्यालय में और तीसरी प्रति बीएलओ के पास होगी। इस बार शिक्षामित्र, आशा बहु, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सफाई कर्मियों को बीएलओ की जिम्मेदारी दी गई है।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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