Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह की मनाई गई जयंती


बलिया : रचनाकार हमेशा अपनी रचनाओं में जीवित रहता है । केदार जी की रचनाओं में उनका अपना गांव, गांव के लोग गांव की भाषा संस्कृति और संवेदना प्रतिबिंबित होती है । उक्त बातें जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार रामजी तिवारी ने केदारनाथ सिंह की जयंती के अवसर पर कही।उन्होंने कहा कि बड़े रचनाकार की सिर्फ रचनाएं बड़ी नहीं होती बल्कि उसका व्यक्तित्व भी बड़ा होता है । केदारनाथ सिंह का व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि उनके सानिध्य में आने वाला कोई व्याक्ति अपने को छोटा महसूस नहीं करता था।संकल्प साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया के मिश्र नेवरी स्थित कार्यालय पर प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह की जयंती मनाई गई। कोरोना की वजह से कार्यक्रम को बहुत  विस्तार नहीं दिया गया लेकिन अपने प्रिय कवि अपने मिट्टी के लाल की स्मृतियों को बड़े सिद्दत के साथ याद किया गया। संकल्प के सचिव रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने इस अवसर पर कहा कि केदारनाथ सिंह जैसे कवि सदियों में एक पैदा होते हैं । केदारनाथ सिंह की कविताओं में मिट्टी की सोंधी महक है । उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से अपनी उन लोक परम्पराओं को आगे लाया जिसमें गति है प्रगतिशीलता है । उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से दुनिया की प्रगतिशील सोच से हमारा साक्षात्कार कराया। आशीष त्रिवेदी ने बताया कि कवि केदारनाथ सिंह के सानिध्य की बहुत सारी मधुर स्मृतियां हैं । इस अवसर पर संकल्प के रंगकर्मियों ने उनकी कविताओं की कोलाज प्रस्तुति भी की । कार्यक्रम में सोनी, ट्विंकल गुप्ता, अर्जुन, आनन्द कुमार चौहान, वैभव, विवेक, अखिलेश, अनुपम, इत्यादि की महत्त्वपूर्ण उपस्थिति रही।



रिपोर्ट : धीरज सिंह

No comments