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बदहाल और जर्जर सड़कें बांट रही है दर्द


रतसर (बलिया) सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के अभियान चले पर सड़कों के जख्म दूर नही हो सके। बदहाल और जर्जर सड़के दर्द बांट रही है । जो हमदर्द होने का दावा कर रहे है वो गहरी नींद में है। क्षेत्र में देखे तो अधिकांश सम्पर्क मार्ग व मुख्य मार्ग जर्जर हो गए है। उन पर वाहन चलना तो दूर पैदल चलना भी दूभर है। रतसर - सुखपुरा नहर मार्ग जर्जर हालत में है जिन पर कई वर्षों से मरम्मत का कार्य नही कराया गया। इसके अतिरिक्त रतसर बाईपास मार्ग स्थित मां काली मन्दिर से धनौती धनेश्वरनाथ धाम तक लगभग तीन किमी मार्ग की दशा आज कई वर्षो से खराब पड़ी है। जिस पर किसी का ध्यान नही है । रतसर पकड़ी तर से अमडरियां गांव को जोड़ने वाली दो किमी मार्ग की दशा कई वर्षो से खराब है। इसी मार्ग से निकलने वाली  ईदगाह मार्ग की हालत और भी दयनीय है जिस पर पैदल चलना भी दुभर है। रतसर सरस्वती भवन से बारी गांव को जोड़ने वाली सड़क अत्यंत जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है। इसी मार्ग पर इंटर कालेज एवं पुलिस चौकी स्थित है।नूरपुर से जनऊपुर मार्ग की हालत बहुत खराब है। इन पर पैदल चलना दूभर है। वही नूरपुर-आसन सम्पर्क मार्ग से धनौती सलेम गांव की हालत बयां करने लायक नही है। 

इस बावत जब संबन्धित अधिकारियों से वार्ता की गई तो उनका भी जबाब संतोष जनक नही मिला। क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा उक्त जर्जर सड़कों के लिए शासन - प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया है।


रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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