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पांच बच्चों को छीन चुके काल ने दंपति से छठवें पुत्र को भी छीना


बलिया। पांच बच्चों को पहले ही गंवा चुकें बलिया शहर के बेदुआ मोहल्ला निवासी एक दंपति के लिए शनिवार का दिन व्रजपात सरीखा रहा। हुआ यूं कि कोतवाली क्षेत्र के बेदुआ मुहल्ला में शनिवार की देर बेचू का दस वर्षीय पुत्र कुणाल अपने छोटे भाई के साथ छत पर खेल रहा था। इसी दौरान छोटा भाई नीचे चला आया और रस्सी कब गले में फांसी का फंदा बन गयी, किसी को पता ही नहीं चला। घटना की जानकारी तब हुई जब कुणाल की मां दूसरी मंजिल पर गयी। तब तक मासूम की मौत हो चुकी थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


जानकारी के अनुसार सिकंदरपुर निवासी बेचू अपने परिवार को लेकर कुछ वर्षो से बेदुआ मुहल्ले में किराए के मकान में रहता था। बेचू के कुल सात लड़कें  थे जिनमें एक के बाद एक पांच लड़कों की मौत पहले ही हो चुकी है ।

बताया जा रहा है कि बेदुआ मुहल्ले में बेचू भरद्वाज का दस वर्षिय पुत्र कुणाल भरद्वाज अपने घर में दरवाजा बंद कर के झूला झूल रहा था कि अचानक झूले में फंस गया। परिवार के लोगों ने उसे बाहर से आवाज लगा रहे थे। काफी देर तक जब दरवाजा नहीं खुला तब उन लोगों को कुछ अनहोनी होने का अहसास हुआ और दरवाजा तोड़ा तो देखा कि झूले में बुरी तरह से फंसा हुआ है। परिजनों ने कुणाल को बाहर निकालने के साथ ही जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के पिता बेचू भारद्वाज ने बताया कि घर में एक रस्सी का झूला बना है। जिस पर बच्चें रोज झूला झूलते थे। हम मजदूरी का काम करते है। उसकी मां दुसरे कमरे में खाना बना रही थी। खाना खाने के लिए आवाज लगाया गया तो बहुत देर हो गई फिर भी वह नहीं आया तो दरवाजे के पास जा कर दरवाजा खोलवाने के लिए प्रयास किया गया, लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला तब उसे तोड़ दिया गया। देखा कि झूले में फंसा हुआ है।






रिपोर्ट धीरज सिंह

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