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बलिया की शिप्रा बनी भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर की वैज्ञानिक


बलिया । जिले की प्रतिभाशाली बेटी शिप्रा उपाध्याय का चयन भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक के पद पर हुआ है। उसके चयन पर उसका गांव इतरा रहा है। गांव की बेटी ने सफलता के झण्डे जो गाड़ दिए हैं। शिप्रा जिले के बैरिया तहसील के रामनगर गांव की बेटी है। शिप्रा के चयन का समाचार जैसे ही उसके गांव में पहुंचा सारा गांव खुशी से झूम उठा।  उसके माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे। शिप्रा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जिले के होलीक्रॉस स्कूल से प्राप्त की। उसने हाईस्कूल की परीक्षा 94 प्रतिशत तथा इण्टरमीडिएट की परीक्षा 97 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की थी। इसके बाद उसने एनआईटी रायपुरसे केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। प्रथम बार वह भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर की वैज्ञानिक के लिए हुए चयन परीक्षा में बैठी और उसका चयन हो गया। शिप्रा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती है और प्रेरणा का श्रोत अपने बड़े भाई को मानती है। शिप्रा के पिता यादवेन्द्र उपाध्याय बाबा लक्ष्मण दास राष्ट्रीय इण्टर कालेज बैरिया में उप- प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं।उसकी माता मीना उपाध्याय एक गृहिणी महिला हैं। शिप्रा ने बताया कि इस कम्पटीशन में बैठने के लिए उसके बड़े भाई कुलभाष्कर उपाध्याय ने प्रेरित किया था। उसके माता-पिता ने कहा कि शिप्रा शुरू से ही पढ़ने में काफी लगनशील थी। बलिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त ने शिप्रा को उसकी सफलता पर बधाई देते हुए कहा है कि शिप्रा देश की नई आशा है।उन्हें विश्वास है कि वह एक दिन महान वैज्ञानिक बनेगी। सांसद ने बताया कि शिप्रा के बाबा स्व. सत्यनारायण उपाध्याय को वह अच्छे तरह से जानते थे। वे नरहरि बाबा इण्टर कालेज कर्णछपरा में प्रधानाचार्य थे। उनकी काफी सामाजिक प्रतिष्ठा थी।



रिपोर्ट धीरज सिंह

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