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साहब...! मैं भूत नहीं, मैं जिंदा हूं

 



लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां कागजों में मृतक भोलाा के प्रकरण ने नया मोड़ लिया है। मिर्जापुर प्रशासन की जांच में भोला का नाम भोला नहीं बल्कि श्याम नारायण पाया गया। कई जगहों की जांच के बाद पता चला उसका नाम भोला नहीं है श्याम नारायण है। फिलहाल प्रशासन ने उसका व उसके भाई राज नारायण का डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया है।

जिला मुख्यालय पर कथित भोला के अनशन पर बैठने के बाद जिलाधिकारी ने एडीएम वित्त एवं राजस्व एसडीएम सदर तहसीलदार सदर की एक जांच टीम बनाकर पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए  थे। जांच टीम पहले अमोई गांव गई। वहां पर कोई उन्हें  नहीं पहचान सका। वह अपने भाई को नहीं पहचान सका। गांव में भी किसी को नहीं पहचान सका। न ही किसी का नाम बता सका।

फिर उसने बताया कि वह लालगंज तहसील के रामपुर खोमर में रहता है, टीम उसको रामपुर खोमर लेकर गई। वहां भी इसे भोला के नाम से कोई नहीं पहचान सका। वहां इसका नाम श्याम नारायण बताया गया। इसके पिता का नाम बसंत लाल बताया गया।
 
उसके बाद फिर पता चला कि वह इसी तहसील क्षेत्र के कोहड़ एक गांव का निवासी है। वहां टीम गई  तो पता चला यहां पर बसंत के लड़के रामनरेश को 15 बीघा जमीन नेवासा में मिली थी। श्याम नारायण रामनरेश के साथ रहता था। रामनरेश की मृत्यु के बाद श्याम नारायण की भाभी और उसके लड़के ने जमीन बेच दी।

बाद में राम नरेश की पत्नी श्याम नारायण की पत्नी बनकर रहने लगी। जिससे उसको 4 बच्चे हुए। इसके बाद श्याम नारायण ने भोला बनकर 2005 में वाद दाखिल किया। जो विचाराधीन है। इन सबके के बाद भी जांच टीम ने श्याम नारायण व राज नारायण का डीएनए टेस्ट कराने की बात कही है। ताकि सच सामने आ सके।



डेस्क

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