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निवर्तमान जिलाधिकारी का हुआ सम्मान समारोह


रिपोर्ट : धीरज सिंह


- *निवर्तमान डीएम ने कहा, जो कुछ ना करे उसको फटकारने की बजाय प्रेम से काम करा लूं, यही रहा प्रयास


- *अधिकारियों-कर्मचारियों ने कहा, सरलता-सहजता व क्रोध पर काबू पाने की कला आपसे सीखने योग्य


बलिया: जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही के स्थानांतरण के बाद शुक्रवार की शाम उनका सम्मान समारोह कलेक्ट्रेट सभागार में हुआ। इस अवसर पर सभी कर्मियों ने भरे मन से माल्यार्पण किया और उनकी ओर से मिले स्नेह-प्रेम के प्रति आभार जताया। उनकी सहजता, सरलता, शालीनता व क्रोध पर काबू रखने की कला को प्रेरणा लेने योग्य बताया। जिलाधिकारी ने भी बलियावासियों की ओर से मिले सहयोग व प्रेम को कभी नहीं भूलने वाला बताया।


श्री शाही ने कहा कि यहां का 15 महीने का कार्यकाल वह काफी सुखद रहा। यहां से इतना दुलार-प्यार मिला कि इस अलपसमय में मुझे यह अपना दूसरा घर नजर आने लगा। यहां के लोग दिल का काफी अच्छे हैं। यह कार्यकाल कभी नहीं भूलूंगा। कहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से भी वह सहयोग मिला जिसकी अपेक्षा डीएम को रहती है।  

सिटी मजिस्ट्रेट नागेंद्र सिंह ने निवर्तमान डीएम के साथ गुजारे समय को अपना सौभाग्य बताया। एसडीएम ने कहा कि निवर्तमान जिलाधिकारी से सबसे लाभप्रद सीख यह मिली कि उच्च पद पर बने रहकर अच्छा इंसान कैसे बने रहें। एसडीएम रसड़ा मोतीलाल यादव, एसडीएम बेल्थरा सर्वेश यादव, एसडीएम बैरिया प्रशांत नायक, डिप्टी कलेक्टर सीमा पांडेय व सन्त कुमार ने भी समारोह में अपने विचार व्यक्त किए। कलेक्ट्रेट कर्मी श्रीराम प्रसाद ने 'गइला के बाद फिर आईब की नाही, जोरल सनेहिया निभाइब की नाही' गीत प्रस्तुत कर वहां मौजूद कर्मियों के साथ जिलाधिकारी को भी भाव-विभोर कर दिया। कलेक्ट्रेट संघ के अध्यक्ष अनिल गुप्ता, कौशल उपाध्याय, संजय भारती, हरिंदर सिंह समेत समस्त कलेक्ट्रेट स्टाफ थे। संचालन प्रशासनिक अधिकारी अश्विनी तिवारी ने किया।


कुछ पुराने किस्से सुनकर सबको खूब हंसाया


निवर्तमान डीएम श्री शाही ने अपने सम्बोधन में सेवाकाल के तमाम किस्से सुनाए। कुछ किस्से तो ऐसे थे जिसे सुनकर कोई अपनी हंसी नहीं रोक सकता था। करीब दस मिनट के सम्बोधन में उन्होंने सबको खूब हंसाया और उदास चेहरों को खुशहाल बना दिया।

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