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लाखों की लागत से बना मुक्तिधाम का आधा हिस्सा दो वर्षों गिरा, शेष हिस्सा दे रहा किसी बड़े हादसे का दावत



मनियर (बलिया) स्थानीय नगर पंचायत द्वारा परशुराम स्थान के पिछे लाखों की लागत से बना मुक्तिधाम का आधा हिस्सा करीब दो वर्षों गिरा है। शेष हिस्सा अपनी बदहाली पर आँशु बहाते हुए किसी बड़े हादसे का दावत दे रहा है हालाकि नगर पंचायत के चल रहे  प्रशासकीय काल में करीब 6  माह पूर्व में हुई बैठक में प्रस्ताव भी पास है। फिर भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। क्षेत्रीय लोग इधर उधर शव जलाने की जलालत झेलने को मजबूर हैं।हजारो हजार की  अबादी  वाला क्षेत्र इसी शव दाह के पास शव जलाने के लिए विवस है 

नगर पंचायत प्रशासन ने  जून 2017 में करीब 58 लाख की लागत से  जब मुक्तिधाम बनकर  तैयार हुआ तो क्षेत्रीय लोगों में आस जगी कि अब शव जलाने के लिए इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा। लेकिन बनने के करीब दो वर्ष बाद ही मुक्तिधाम का आधा हिस्सा भर-भराकर गिर गया। इसकी जांच कर ठेकेदार क उपर कारवाई  व मरम्मत के लिए नगरवासीयो ने  जिलाधिकारी से लेकर नगर पंचायत से करते रहे लेकिन कोई कारवाई नही हुआ । यही नहीं नगर पंचायत का कार्यभार विगत 7 अगस्त को प्रशासक को सौपा गया तो तब भी लोगो को आस जगी की मुक्ती धाम का काया कल्प बदल जायेगा । प्रशासकीय कार्यकाल में 25 अगस्त 2020 को बोर्ड की हुई पहली बैठक मे  सभासदों ने वरीयताक्रम  में मुक्तिधाम का प्रस्ताव पास किया। जिसमें तत्तकालीन ईओ राम बदन यादव ने निरीक्षण कर तत्काल मरम्मत कराने का आश्वासन सभासदों को दी। लेकिन ईओ बदलते गये   प्रशासक का कार्य भार  छह माह बित गया कार्य मे कोई तेजी नही आई । आज तक किसी ने इसकी जांच व मरम्मत कराने की जहमत नहीं उठाई। आज आलम यह है कि मुक्तिधाम के बाहर नगर पंचायत के तरफ से प्रवेश निषेध का वोर्ड लगा दिया गया है।

इस मुक्तिधाम की दशा पर पूर्व विधायक भगवान पाठक, वरिष्ठ भाजपा नेता देवेन्द्र नाथ त्रिपाठी सभासद अंजनी कुमार सिंह, विनय कुमार सिंह, अमरेन्द्र उर्फ डब्लू सिंह, धनजी प्रजापति ने कहा कि लाखों की लागत से बना क्षेत्र का एकलौता मुक्तिधाम को तत्काल मरम्त कराने की  जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया ।  तथा इस मुक्तिधाम की कार्य के कराने वाली कार्य दायी संस्था के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की ।




रिपोर्ट : राममिलन तिवारी

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