कोरोना से दम्पप्ति की मौत के बाद अनाथ मासूमों की मदद को आगे आई बाल कल्याण समिति
रिपोर्ट : धीरज सिंह
बलिया। विकास खंड मुरली छपरा की ग्राम पंचायत दलन छपरा में कोरोना से पति-पत्नी की मौत के बाद अनाथ हुए मासूमों की मदद को बाल कल्याण समिति आगे आई है। जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर की पहल पर चाइल्ड लाइन की टीम ने शनिवार को दो मासूमों को न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया, जिसके बाद न्यायपीठ ने दोनों बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक संरक्षण देने का आदेश एसओएस बालग्राम, वाराणसी के निदेशक को दिया।
बता दें कि बीते 10 मई को कोविड-19 के संक्रमण से दलनछपरा निवासी संतोष पासवान और उनकी पत्नी पूनम देवी की मौत हो गई थी। इसके बाद उनकी बेटी काजल 15, रूबी 13, रेनू 9 व पुत्र अंकुश 7 की जिम्मेदारी उनकी दादी फुलेश्वरी देवी पत्नी स्व. फूलदेव पासवान के कंधों पर आ गई थी। यह खबर जैसे ही बाल कल्याण समिति को मिली न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के सदस्य राजू सिंह के नेतृत्व में महिला शक्ति केंद्र की अधिकारी पूजा सिंह, वन स्टॉप सेंटर की मैनेजर प्रिया सिंह, जिला बाल संरक्षण इकाई और चाइल्ड लाइन की टीम सक्रिय हो गई। इसके बाद शनिवार को चाइल्ड लाइन की टीम ने न्यायपीठ के समक्ष रेनू और अंकुश को पेश किया। न्यायपीठ के अध्यक्ष प्रशांत पांडेय व सदस्य राजू सिंह, अनीता तिवारी, रामविलास यादव ने दोनों बच्चों को 18 वर्ष पूर्ण होने तक संरक्षण प्रदान करने तथा फॉलोअप रिपोर्ट प्रत्येक तीन माह पर न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश का आदेश एसओएस बालग्राम, वाराणसी को दिया। इसके उपरांत जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर सरोज ने दोनों बच्चों को कपड़ा, जूते, दैनिक उपयोग की सामग्री आदि उपलब्ध कराया।
किनशिप कार्यक्रम के तहत दो बहनों दी जाएगी मदद
न्यायिक सदस्य राजू सिंह ने बताया कि देश की अग्रणी संस्था एसओएस बालग्राम, वाराणसी दोनों बच्चों को उच्च शिक्षा देते हुए नौकरी लगने तक सभी खर्च उठाएगी। साथ ही घर पर रह रही काजल 15 और रूबी 13 व उनकी दादी को संस्था के किनशिप कार्यक्रम के तहत जीवन यापन, रहन-सहन की स्थिति में सुधार हेतु आर्थिक सहायता करेगी जिससे दोनों बहनों की उत्तम शिक्षा के साथ दैनिक जरुरतें भी पूरी होंगी। बताया कि महिला कल्याण विभाग की योजना स्पॉन्सरशिप के तहत दोनों बहनों काजल और रूबी को दो हजार रुपये मासिक गुजर-बसर के लिए दिया जाएगा।
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