Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

कोरोना की आशंका में बच्चों को अत्यधिक प्रतिरोधी दवाएं न दें : डॉ सिद्धार्थ

 


- स्वस्थ जीवन शैली अपना कर बढ़ा सकते हैं बच्चों की इम्यूनिटी


- बच्चों को रोग प्रतिरोधी अत्यधिक दवाएं देना हो सकता है खतरनाक


- किसी भी प्रकार का जोखिम न उठाएँ, तुरंत चिकित्सक से लें सलाह


- बच्चों से करवाए योग और हल्का व्यायाम खेलकूद से बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता


बलिया : कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अभी से तमाम आशंकाएं जताई जा रही हैं। यह भी कहा जा रहा है कि भारत में यह लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है । इसके चलते अनावश्यक भय पैदा हो गया है। बच्चों के अभिभावक उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कई दवाएं देने के लिए कह रहे हैं। उन्हें यह समझना होगा कि बच्चों की इम्यूनिटी, रोग प्रतिरोधक दवाओं से नहीं बल्कि स्वस्थ्य जीवन शैली व बेहतर आहार देकर बढ़ाई जा सकती है। इसलिए उन्हें इम्यूनिटी बढ़ाने वाली अत्यधिक दवाएं  कदापि न दें। यह कहना है जिला महिला अस्पताल स्थित प्रसवोत्तर केंद्र में कार्यरत वरिष्ठ नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ० सिद्धार्थ मणि दूबे का। उन्होने बताया - कोरोना की संभावित तीसरी लहर की खबर ने अभिभावकों के बीच डर पैदा कर दिया है जिससे वह बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कई तरह के नुस्खे अपना रहे हैं। तीसरी लहर के डर से बच्चों को बहुत ज्यादा दवाएं देना खतरनाक साबित हो सकता है। 

डॉ० दूबे ने कहा - लॉकडाउन में बच्चों की जिन्दगी पूरी तरह बदल गई है। उनके सोने, उठने, पढ़ने से लेकर भोजन करने और खेलने का समय नियत रखना जरूरी है। इसका प्रभाव यह होगा कि कोरोना काल के बाद जब वह छुट्टी वाले मोड से बाहर आएंगे, तब इससे शारीरिक प्रक्रियाओं का चक्र नहीं बिगड़ेगा।

दवाएं नहीं पौष्टिक भोजन बढ़ाएगा इम्युनिटी:- डॉ दूबे का कहना है कि बच्चों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कोई अलग से दवाएं नहीं आतीं। इसके लिए पौष्टिक आहार एवं शारीरिक गतिविधियां बहुत जरूरी है। बच्चों को जंक फूड या बाहर का भोजन बिलकुल न दें और अधिक से अधिक घर पर पका ताजा भोजन और फल खिलाएं।  जो बच्चे ज्यादा देर तक मोबाइल या टीबी देखने में समय बिताते हैं, उनकी नींद उतनी ज्यादा असंतुलित होती है। इसका सीधा असर बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है। बच्चों को आठ से दस घंटों तक नींद लेना जरूरी है, इसलिए उन्हें समय पर सुलाने और जगाने की आदत डालें।

अत्यधिक काढ़ा कर देगा बीमार:-

डॉ दूबे ने बताया - बच्चों की प्रतिरक्षा क्षमता वयस्कों के मुकाबले अधिक होती है, यही कारण है कि उन पर कोरोना का खतरा बुजुर्ग-वयस्कों के मुकाबले न्यूनतम होता है। उन्हें बहुत गर्म औषधियों व अन्य घरेलू नुस्खों से दूर रखें। याद रखें कि काढ़े की ज्यादा मात्रा कई बच्चों में पेट दर्द और कब्ज की समस्या पैदा करती है।

मोटापा देगा बीमारी को दावत:- जिले में पॉज़िटिव की संख्या भले ही कम हुयी हो लेकिन संक्रमण का खतरा अभी भी बरकरार है । इसके कारण बच्चे बाहर नहीं जा सकते पर उन्हें घर में ही इस तरह के खेल कराएं जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक कसरत हो। ऐसे में बेहद जरूरी है कि बच्चा मोटापाग्रस्त न हो जाए, क्योंकि मोटापा होने पर संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है।

दूध-दही जरुर खिलाएं, होगा  लाभ:- 12 साल से छोटे बच्चों को एक गिलास दूध, एक बड़ी कटोरी दही और पनीर का एक टुकड़ा रोज देने से उनके शरीर में कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा पहुंचती है जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।

No comments