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नेशनल डॉक्टर्स डे (एक जुलाई) पर विशेष : कोरोना काल में मरीजों की सेवा में जुटे डॉक्टरों के जज्बे को सलाम

 


- एसीएमओ व कोरोना के नोडल अधिकारी ड़ॉ० हरिनंदन प्रसाद ने विपरीत परिस्थितयों  में निभाई अहम जिम्मेदारी 

बलिया : चिकित्सक को धरती का भगवान यूं ही नहीं कहा जाता ,उनकी अथक सेवा भाव और त्याग ही उन्हें यह दर्जा दिलाता है । कोरोना संक्रमण काल में जब सभी को घर में रहने की सलाह दी जा रही है तो ऐसे में इन डॉक्टरों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। बलिया में कई ऐसे चिकित्सक हैं जो अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं चाहे वह कोविड हो या अन्य कोई मर्ज । ऐसे ही अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) व  कोविड के नोडल अधिकारी डॉ हरिनंदन प्रसाद हैं जो विपरीत परिस्थितियों में  भी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं। इसके साथ ही वह जिला सर्विलांस अधिकारी/आयुष्मान भारत के नोडल अधिकारी/राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी का भी कार्यभार संभाल रहे हैं । 

डॉ०प्रसाद की पत्नी का देहांत कोविड से 30 अप्रैल 2021 को हो गया था। इसके बावजूद भी डॉ० प्रसाद अपने कर्तव्य पथ से विचलित नहीं हुए। डॉ प्रसाद कोरोना के बचाव और इलाज के लिए  किए जा रहे कार्यों के प्रति अपनी जिम्मेदारी एवं कर्तव्यों का निर्वहन बखूबी कर  रहे है।

दो गज दूरी, मास्क जरूरी:-

डॉ. प्रसाद का कहना है कि कोरोना काल में चिकित्सक  और जनता दोनों यह फार्मूला अपनाएं  । आम आदमी के अलावा डाक्टरों के लिए भी यह वक्त चुनौती भरा है । सब मिलकर इसका मुकाबला करें। डॉक्टर इलाज के साथ लोगों को जागरूक भी करें।

रोगियों में जागरुकता पैदा करें डाक्टर:-

डॉ. प्रसाद का कहना है कि चिकित्सक  समाज में अपना अधिकतम योगदान दें । खासतौर पर जरूरतमंद और कमजोरों का अधिक ख्याल रखें, जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती रहें। यह खास तरह का दौर है। इसमें कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक करें, जिससे वह  रोगों से बचाव को लेकर सतर्क


रिपोर्ट : धीरज सिंह

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