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यूपी के बलिया में उफनाई गंगा की लहरें, दो सौ साल पुराना काली मंदिर नदी में समाहित


बलिया:यूपी के बलिया जिले में बाढ़ का कहर जारी है. जिले के केहरपुर गाँव में रविवार की अलसुबह जब गंगा नदी ने तेवर तल्ख किया तो करीब दो सौ साल पुराना काली मंदिर व बरसों पुराना आम का पेड़ एक साथ लहरों में समा गया. इसके अलावा गाँव के अनिल ओझा सुशील ओझा बिरजू ओझा संतोश ओझा अवधेश ओझा की खाली जमीन गंगा की लहरों में समाहित हो गई है। जैसे ही काली मंदिर गंगा के लहरों में समाया केहरपुर व  सुघर छपरा में अफरा तफरी मच गई।



 स्थानीय लोगों का आरोप है कि लगातार केहरपुर व सुघर छपरा के लोग अपनी समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधियों से लगाए जनपद के उच्चाधिकारियों तक का दरवाजा खटखटाया। लेकिन किसी ने भी उनके दर्द को नहीं सुना। विडंबना की बात की आज तक इन गांवों को बचाने के लिए शासन स्तर से कोई प्रोजेक्ट आज तक पारित नहीं किया गया । ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2019 में काली मंदिर के बगल में ही श्री हरिराम ब्रह्मचारी जी स्मृति स्थल था, जो गंगा की लहरों में समा गया था। केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार गंगा का जलस्तर रविवार की सुबह 59 , 22 मीटर दर्ज की गई साथ प्रति घंटा 1 सेंटीमीटर का बढ़व बना हुआ है। 



रिपोर्ट धीरज सिंह

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