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कालाजार से बचाव को प्रभावित ब्लाक में किया जा रहा छिड़काव

 


- घर के आस-पास रखें साफ़-सफाई, करें मच्छरदानी का प्रयोग 


बलिया :  जनपद में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत इस समय तीन ब्लाक में छिडकाव का कार्य चल रहा है । इस कार्यकम के तहत कालाजार को दूर भगाने के लिए ग्रामीण इलाकों के मिट्टी के घरों में पनपने वाली सफेद मक्खी जिसे बालू मक्खी के नाम से भी जाना जाता हैं, को छिडकाव के जरिये ही खत्म किया जा सकेगा।

जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि जनपद में जनवरी 2021 से अब तक कालाजार के 15 मरीज  पाए गये हैं,  जिसमें 10 वीएल (विसलर लिसमेनियासिस- बुखार वाला कालाजार) और 5 पीकेडीएल (पोस्ट कालाजार डर्मल लिसमेनियासिस- चमड़े वाला कालाजार) के मरीज हैं । कालाजार एक जानलेवा रोग है जो कि बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह बालू मक्खी ग्रामीण क्षेत्रों में मकान की  दरारों में पायी जाती है।  इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है। 




उन्होने बताया कि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूख नहीं  लगना,  खून की कमी,  वजन घटना, रोगी की त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं । वहीं इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है।  यदि किसी व्यक्ति में उपर्युक्त लक्षण नजर आएं  तो उसका तत्काल अपने नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य  केन्द्र पर जांच करायें।  जिला चिकित्सालय पर इसका  इलाज नि:शुल्क किया जाता है। छिडकाव का कार्य वर्तमान में पांच  टीमों द्वारा जनपद के तीन  ब्लॉक  में किया जा रहा है। यह ब्लॉक हैं, रेवती, मुरली छपरा तथा बरिया बैरिया।

उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर  लापरवाही न करें क्योंकि यह बीमारी दोबारा से भी शुरू हो सकती है | इसलिए चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी है।



रिपोर्ट : धीरज सिंह

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