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जाने क्या है बिहार की बिंदा की कहानी, जिसने जलकुभी से दी कैंसर को मात

 


बलिया। इसे चमत्कार करें या मां काली की कृपा, लेकिन हैं हकीकत तभी तो बिहार के भभुआ जनपद के गोड़हर गांव निवासी  वीरेंद्र पासवान की पत्नी बिंदा देवी को जब मेडिकल साइंस में निराश किया तो महज मां काली के प्रसाद और पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गई जड़ी और तीन सप्ताह तक जलकोंभी के फल का सेवन करने से गर्भाशय (बच्चेदानी) में हुआ कैंसर पूर्णतया ठीक हो गया। इसकी तस्दीक पीड़िता बिंदा और उसका पति वीरेंद्र स्वयं करते है और इसे मां काली का आशिर्वाद तथा पुजारी रामबदन का एहसान बताते है।



अपनी व्यथा सुनाते हुए वीरेंद्र ने बताया कि उसकी पत्नी बिंदा देवी को एक वर्ष पूर्व डॉक्टरों ने  बच्चेदानी में कैंसर होने की बात कही।  पीड़िता बिंदा बताती है कि इसके बाद तो मानों उनकी दुनिया ही वीरान हो गई। ना उन्हें कुछ भाता और ना ही कुछ अच्छा लगता, इसी बीच उनके पति के एक मित्र ने उन्हें पकड़ी धाम की काली मां के मंदिर में जाने की नसीहत दी।  फिर वह अपने पति के साथ पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंची और मंदिर के पुजारी रामबदन भगत से अपनी व्यथा बताई।



 मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और कुछ औषधियों  के साथ जलकुभी के फल का नियमित सेवन करने की बात कही। बिंदा बताती हैं कि मां काली के आशीर्वाद और औषधियों के नियमित से अब वह पूरी तरह से ठीक हो गई हैं और अपना सामान्य जीवन जी रही हैं।





 

डेस्क

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