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बलिया में महिला शिक्षक संघ का ऐलान, नहीं होने देंगे स्कूलों में तालाबंदी










बलिया। रसड़ा शिक्षा क्षेत्र के अमहर गांव स्थित प्राथमिक विद्याल के प्रभारी प्रधानाध्याप के निलंबन को वापस लेने की मांग को लेकर बीते तीन दिनों से धरना कर रहे उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से सोमवार को स्कूलों में प्रस्तावित तालाबंदी के खिलाफ जिला महिला शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है। संघ की जिलाध्यक्ष रंजना पांडेय ने सोमवार को कहा कि एक शिक्षक के निलंबन को मुद्दा बना कर जिले के तीन लाख बच्चों को शिक्षा से वंचित करना गलत और अनुचित है। पहले ही कोरोना काल के कारण बच्चे लंबे समय से पढ़ाई महरूम रहे हैं। सोमवार को संगठन की सभी शिक्षिकाएं अपने विद्यालय में जाकर बच्चों को पढ़ाएंगी। परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य बंद नहीं किया जाएगा।


वहीं, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव नारायन सिंह ने कहा कि सोमवार को भी शिक्षक स्कूलों में तालाबंद करेगा अथवा पढ़ाने नहीं जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी। कहा कि मामले से शासन को अवगत करा दिया गया है और विभाग के उच्चाधिकारी पूरे घटनाक्रम पर बारीक नजर बनाए हुए है। अगर कहीं किसी अध्यापक द्वारा स्कूल खोलने और बच्चों को पढ़ाने से मना करने पर त्वरित कारवाई की जाएगी। इसके लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों पर नजर बनाए रखें और पल-पल का अपडेट बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराएं। शिक्षकों के आंदोलन पर बीएसए ने कहा कि एक शिक्षक नेता के खिलाफ विभाग में चल रही जांच को प्रभावित करने के लिए यह स्वांग किया जा रहा है। इस आंदोलन का शिक्षक के निलंबन से कोई लेना देना नहीं है।


उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयोजक जितेन्द्र सिंह ने कहा कि आंदोलन को कमजोर करने के लिए बीएसए और उनके कुछ लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं। चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो सभी प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों का 25 अक्टूबर से ताला नहीं खुलेगा। उसके बाद आवश्यकता पड़ी तो जिले के सभी कार्यालयों में तालाबंदी कराई जाएगी। तालाबंदी की सूचना डीएम समेत सभी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।




रिपोर्ट धीरज सिंह

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