धर्म व जातीय समीकरण के चलते स्थानीय मुद्दे हुए गौड़
रेवती (बलिया ): बांसडीह विधान सभा में हो रहे इस बार के चुनाव में रेवती ब्लाक क्षेत्र के जनता से सीधे जुड़े स्थानीय मुद्दा गौड़ हो चुका है। इस पर नेता भी कुछ कहने के बजाय कन्नी काट रहे है।
काफी पुराना रेवती बाजार है।लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से रेवती को जोड़ने वाले रेवती हडियाकला, रेवती कुसौरी , गायघाट अधैला, दलछपरा श्रीनगर आदि संपर्क मार्ग की हालत खस्ता होने के कारण यहां का बाजार दम तोड़ रहा है। जिससे व्यापारियो की आमदनी निरंतर घट रही है। दूसरी समस्या किसानो का है।प्रतिवर्ष बरसात के चलते हजारो एकड़ खेत पानी से डूबने से अनाज की उपज प्रभावित होती है। विभिन्न गांवों की कई बस्तिया पानी से घिर जाती है। नहर आदि के माध्यम से बरसाती जल का निकास की व्यवस्था गंगा और घाघरा नदी में अभी पूरी तरह सुनिश्चित नही हो पाई है । इससे किसानो की बहुत बड़ी समस्या का समाधान नही हो पा रहा है तीसरी समस्याा सीएचसी रेवती पर विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति तथा चिकित्सा उपकरणों के अभाव के चलते इसका लाभ क्षेत्रवासियों को नही मिल रहा है । एक अन्य मुख्य समस्या यहां यातायात से संबंधित है। रेवती - बलिया - बैरिया मार्ग पर परिवहन निगम की बसे नही चल रही है। एक मात्र सहारा है रेल का। लेकिन रेवती रेलवे स्टेशन को हाल्ट घोषित कर यहां की यातायात की समस्या को बढ़ा दिया गया है । क्षेत्रवासियों द्वारा धरना प्रदर्शन व रेल मंत्रालय को पत्रक दिये जाने के बावजूद यहां यात्री सुविधाओं के विस्तार का कार्य भी रोक दिया गया है ।उपरोक्त समस्याए काफी बड़ी है लेकिन पता नही क्यों चुनावी बयार में आकार नही ले पा रही है।
रिपोर्ट -पुनीत केशरी
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