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आवाज से टीबी की पहचान हो रही है - जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ०आनन्द कुमार


 

- फील्डी एप के नाम से जाना जायेगा इसे 

- एप में चिन्ह्ति व्यक्ति की आवाज आठ बार की जायेगी रिकॉर्ड 

- 71 व्यक्तियों के खांसी की आवाज के सैंपल हो गए हैं रिकार्ड  

बलिया, 19 फरवरी 2022

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० आनन्द कुमार ने बताया कि अब खांसी की आवाज से टीबी की पहचान की जाएगी। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग ने टीबी कलेक्शन एप तैयार किया है। इसके जरिए चिन्ह्ति घरों में जाकर सैंपल रिकार्ड किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश को क्षय रोग से मुक्त कराने के लिए नया एप डिजाइन किया गया है। इस एप में रोगी या चिन्ह्ति व्यक्ति की आवाज आठ बार रिकॉर्ड की जाएगी। प्रथम चरण के सर्वे में 75 आवाज के सैंपल का अध्ययन होगा। इसमें से 26 टीबी रोगी होंगे।  नॉन टीबी के 26  एवं 23 टीबी रोगियों के परिवार वाले होंगे।

उन्होंने बताया कि सर्वे में जिन लोगों की खांसी की आवाज रिकॉर्ड की जाएगी उनके नाम पते गोपनीय रखे जाएंगे। उन्होंने बताया की बलिया जिले को 75 लोगों की खांसी की आवाज की रिकॉर्डिंग के सैंपल का टारगेट दिया गया है, जिसमें 71 की खांसी की आवाज के सैंपल की रिकार्डिंग हो गयी है। 

जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने बताया कि कफ सांउड आर्टीफ़ीशियल इंटेलिजेंस बेस्ड सोल्यूशन ट्रू डिटेक्ट टीबी को लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। फ़ील्डी एप में टीबी रोगी एवं अन्य लोगों की आवाज को रिकॉर्ड किया जाएगा। सैंपल उन्हीं के लिये जाएंगे जिनकी दवा शुरू नहीं हुई है। इस एप पर टीबी कफ कलेक्शन फॉर्म भरना होगा। तंबाकू एवं शराब सेवन का अपडेट करना होगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी को देश से समाप्त करने के लिये अब चिन्ह्ति क्षय रोगियों पर यह सर्वे होगा। मोबाइल एप के माध्यम से खांसी की आवाज एवं अन्य प्रकार की आवाज रिकॉर्ड की जाएगी, जिसको अध्ययन के लिये भेजा जाएगा। बलिया से 71 लोगों की खांसी की आवाज को रिकॉर्ड किया जा चुका है।


रिपोर्ट -त्रयंबक नारायण देव गांधी

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