Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

नवमी पर सिद्धिदात्री की हुई पूजा, जिमाईं गई कन्याएं


 


रतसर (बलिया):रविवार को रामनवमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। साथ ही आदि शक्ति माता की उपासना घरों में विधि-विधान से को गई। नवमी तिथि पर माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की गई। सिद्धिदात्री के पूजन के साथ ही नव दिवसीय चैत्र नवरात्र व्रत का समापन भी हो गया। कन्याओं का पूजन करके उन्हें हलवा, पूड़ी एवं चना का भोज कराया गया तथा उपहार देकर उनसे सुख, समृद्धि, यश,वैभव की कामना की गई। ऐसा माना जाता है कि कन्या भोज व पूजा के बिना माता की पूजा अधूरी मानी जाती है। नवरात्र में कन्या पूजन से न सिर्फ मां आदि शक्ति प्रसन्न होती है बल्कि सुख व समृद्धि भी आती है I शास्त्रों में भी कन्या पूजन या कन्या भोज को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया गया है। कलश स्थापना करने वालों और नौ दिन व्रत रखने वालों के लिए कन्या भोज को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। कन्या पूजन के सम्बन्ध में अध्यात्मवेत्ता पं०भरत पाण्डेय ने बताया कि दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी गई है। यही कारण है कि नवरात्र में इसी उम्र की कन्याओं के पैरों का विधिवत पूजन कर भोजन कराया जाता है। मान्यता है कि होम, जप और दान से देवी उतनी प्रसन्न नही होती जितनी कन्या पूजन से होती है।

- - - - - - - - - - - - - -

रतसर (बलिया)

स्थानीय नगर पंचायत क्षेत्र के रतसर- पकड़ी मार्ग पर इष्टदेव बाबा हरिराम ब्रह्म धाम पर नवरात्रि में श्रद्धालुओं के आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। इस अवसर पर उनके भक्त गण दर्शन व पूजन-अर्चन कर अपनी मनोकामनाएं सिद्धि के लिए प्रार्थना की। चैत्र नवरात्री के पहले दिन से ही हरिराम ब्रह्म धाम पर स्थित मन्दिर पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। स्थानीय लोगों के अलावे दूर-दराज के लोगों की आस्था भी यहां से जुड़ी हुई है। मन्नतें पूरी होने के बाद वे लोग चढ़ावे को यहां आते है ।चैत्र नवरात्रि में नौ दिन तक मेला लगा रहता है। ऐसी मान्यता है कि मानसिक एवं शारीरिक कष्ट लेकर भी यहां आने वाले चंगे हो जाते है ।

रिर्पोट : धनेश पाण्डेय

No comments