वीर कुंवर सिंह की रणस्थली मुड़िकटवा में शौर्य दिवस पर फहराया गया राष्ट्रीय ध्वज
रेवती ( बलिया ): सन 1857 के महानायक वीर कुंवर सिंह की रणस्थली, कुशहर ग्राम सभा स्थित मुड़िकटवा में आयोजित शौर्य दिवस पर समाजसेवी अतुल कुमार पांडेय " बबलू " के द्वारा क्षेत्रवासियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया । राष्टगान के साथ भारत माता की जय व वीर कुंवर सिंह अमर रहे के गगनभेदी नारों से यह उपेक्षित व वीरान इलाका गुंज उठा।
इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए जिला भाजपा कार्यसमिति के अध्यक्ष कौशल सिंह ने कहा कि 22 अप्रैल को आज के दिन वीर कुंवर की रक्षा के लिए मुड़िकटवा के ताल से सटे मैदान में क्षेत्रवासियों ने ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी और बांस के खप्चर तथा परंपरागत भाला , फरसा , तीर धनुष से 106 अंग्रेज सैनिकों को मार गिराया । अंग्रेजों के अत्याचार से वीर कुंवर सिंह के मन में चिन्गारी भड़क गई थी । वह आरा , दुल्लौर , अतरौलिया , आजमगढ़ , सिवान के रास्ते अंग्रेजों से युद्ध करते हुए पचरूखा गायघाट स्थित मां पचरूखा देवी के पिन्डी के समीप पहुंचे। उधर अंग्रेज कप्तान डगलस की सेना उनका निरंतर पीछा कर रही थी । अंग्रेज सैनिकों के आगमन की सूचना पर क्षेत्रवासी उनकी रक्षा के लिए बांस के खपचर तैयार किये तथा परंपरागत हथियारों से लैस होकर त्रिकालपुर के रास्ते मुड़िकटवा ताल से सटे मुजवानी , खर पतवार तथा अरहर के खेत में घात लगाकर छिप गये । जैसे ही डगलस की सेना आगे बढ़ी क्रमश: एक एक कर 106 सैनिकों को लोगों ने शौर्य का परिचय देते हुए मौत के घाट उतार दिया । इस बीच कुंवर सिंह सकुशल गंगा तट पर पहुंच गये तथा नाव से गंगा उस पार जगदीशपुर के लिए रवाना हो गये । इसी बीच बेली नामक अंग्रेज सैनिक ने उन्हें गोली मार दी । गोली उनके बांह में लगी । गोली का असर पूरे शरीर में न हो उन्होंने अपनी बांह को काटकर गंगा मैया को अर्पित कर दी । घायल अवस्था में कुंवर सिंह जगदीशपुर अपने गांव पहुंच गये किन्तु अत्यधिक रक्तस्राव के चलते दूसरे दिन 23 अप्रैल को उनका निधन हो गया ।
भाजपा मंडल अध्यक्ष सतेन्द्र सिंह ने कहा की सन 2009 में इस ऐतिहासिक स्थल की पहचान कायम कर प्रति वर्ष राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ शौर्य दिवस आयोजित करने के लिए बबलू पांडेय को बधाई दी । समारोह को पृथ्वीराज पांडेय , बीर बहादुर उपाध्याय , प्रधान प्रतिनिधि हृदया वर्मा , वृन्दा वर्मा , श्रीकृष्ण वर्मा , सोनू राजभर , गांधी यादव आदि ने संबोधित किया । इसके पूर्व जगदीशपुर के ईट से निर्मित स्तूप (स्मारक) पर माल्यार्पण कर समस्त अंग्रेज सैनिकों को मौत के घाट उतारने वाले क्षेत्रवासियों की शौर्य गाथा पर उन्हें नमन किया गया । समारोह के अंत में वीर कुंवर सिंह के प्रपौत्र रोहित सिंह की जगदीशपुर में हुई हत्या की भर्तसना करते हुए उन्हें दो मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई । अध्यक्षता अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक ओम प्रकाश तिवारी व संचालन बबलू पांडेय ने किया ।
रिपोर्ट पुनीत केशरी
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