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सीएचसी के अंदर डाक्टर व समस्त चिकित्साकर्मी तो बाहर स्थानीय लोग - एक दूसरे के विरोध में बैठे धरने पर डिप्टी सीएमओ के आश्वासन पर साढ़े तीन घंटा चले धरना समाप्त


 

रेवती (बलिया ): सीएचसी रेवती के अंदर डाॅक्टर और समस्त स्वास्थ्य कर्मी और बाहर विरोध में स्थानीय लोग एक दूसरे के विरोध में धरने पर बैठे।जिसके चलते शनिवार के दिन अस्पताल की ओपीडी पूरी तरह बंद रही। समान्य रोगी बिना उपचार के अस्पताल से वापस लौटे। केवल गंभीर रोगियो तथा डिलेवरी महिला का उपचार चल रहा है । 

सुबह 9 बजे से साढ़े बारह बजे साढे तीन घंटा चले धरना के बाद मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएमओ एक के तिवारी के आश्वासन पर धरना समाप्त हो गया । उन्होंने कहा कि शुक्रवार को रेफर किये गये मरीज को तेल के न रहने पर डेढ़ घंटा तक एम्बुलेंस नही मिलना , प्रथम दृष्टिकोण से गलत है । इसके लिए उससे पहले स्पष्टीकरण मांगा जायेगा । संतोषजनक जबाब न मिलने पर शासन से कार्यवाही किये जाने की संस्तुति की जायेगी । स्थानीय लोगों द्वारा दिये गये 14 सूत्रीय ज्ञापन को कार्यवाही व समाधान हेतु शासन को भेजा जायेगा । 

धरने पर बैठे प्रभारी अधीक्षक डाॅ धर्मेन्द्र कुमार सहित चिकित्सा कर्मियो का आरोप है कि हड़ियाकला में विषैले जंतु के दंश से मृत रूची की घटना के बाद क्षेत्रीय विधायक केतकी सिंह ने अस्पताल आकर गुस्सा व्यक्त किया था। उस दिन के बाद आए दिन चंदन सिंह व पिंटू कुमार  अस्पताल आकर स्वास्थ्य  कर्मियो के साथ दुर्व्यवहार कर रहे है। शुक्रवार को रेफर किये गये जितेन्द्र तुरहा को एम्बुलेन्स में विलंब होने पर उसे ठेले में बैठाकर उसका वीडीओ वायरल कर मानसिक रूप प्रताड़ित व परेशान कर रहे है । एेसी हालत  मे चिकित्सा कार्य संभव नही है। उधर दूसरे पक्ष का आरोप है कि चिकित्सक 11 बजे आते है 2 बजे चले जाते है। सामान्य हो अथवा गंभीर सभी मरीजो को रेफर किया जाता है। बलिया जाने के लिए एम्बुलेन्स भी नही मिलता। प्रसव के नाम पर अवैध वसूली होती है। सभी समस्याओ के लिए अधीक्षक दोषी है। इनका यहां से स्थानांतरण होना चाहिये तभी सीएचसी की व्यवस्था में सुधार होगा । अस्पताल के अंदर धरने में अधीक्षक डाॅ. धर्मेंद्र कुमार, डाॅ.रोहित रंजन, डॉ बद्री राज यादव , डाॅ.यशवंत सिंह, बृजभान पाण्डेय,एसएन तिवारी, संदीप शर्मा, सरसीज,मीरा सिंह,अंकिता तिवारी, संतोष तिवारी,अमित, विनोद मिश्र आदि शामिल रहे तथा अस्पताल कर्मियो के विरोध में अस्पताल गेट के बाहर  समाजसेवी बबलू पांडेय , चंदन सिंह , पिन्टू कुमार , महेश तिवारी,महावीर तिवारी फौजी, भोला ओझा,उधारी राजभर,रितिक साहनी, रंजीत कुंवर, आदि लोग धरने पर पर बैठे (शामिल) रहे । 

बताते चले कि नगर के वार्ड नं दस निवासी जितेंद्र तुरहा (30)  को दो वर्ष पूर्व दिमागी चोट लगी थी । जिसका इलाज चल रहा था । शुक्रवार को उसके सर में भयंकर दर्द होने पर परिजन उसे सीएचसी लाये। डाॅ द्वारा उसे बलिया के लिए रेफर कर दिया गया । तेल के अभाव में लगभग डेढ़ घंटा तक एम्बुलेंस नही मिला तो परिजन उसे ठेले से ही 30 कि मी दूर जिला अस्पताल बलिया ले जा रहे थे । इसी बीच पावर हाउस के समीप अचानक नगर के समाजसेवी चंदन सिंह की नजर ठेले पर जा रहे मरीज को देख अपने स्तर से टेम्पू कर उसे बलिया भेजवा दिया । बलिया से पुनः बनारस के लिए रेफर किये जाने पर उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजन प्राईवेट साधन से इमरजेन्सी में कलवन्ती हास्पीटल वाराणसी में भर्ती कराये जहां उसका इलाज चल रहा  है । जहां उसकी स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है । शनिवार को तनाव के चलते जितेन्द्र तुरहा के पिता शिवजी तुरहा का ब्लड प्रेशर अचानक हाई होने पर उसे नगर के एक प्राईवेट चिकित्सक के यहा भर्ती कराकर उपचार कराया गया ।


रिपोर्ट  पुनीत केशरी

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