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कथा श्रवण से मिलती है सत्कर्म की प्रेरणा:- जीयर स्वामी


 


दुबहर । क्षेत्र के गंगा नदी के पास जनेश्वर मिश्रा सेतु के एप्रोच मार्ग के निकट नगवां, जनाड़ी एवम ब्यासी गांव की सीमा पर हो रहे चतुर्मास यज्ञ के कथा के दौरान भारत के महान संत एवं मनीषी परमपूज्य लक्ष्मी प्रपन्न जियर स्वामी जी महाराज ने कहा कि मनुष्य को सत्कर्म की राह पर चलना चाहिए क्योंकि उसके रहने ना रहने पर वही सत्कर्म उसकी पहचान बनती है और सत्कर्म पर चलने की प्रेरणा मनुष्य को कथा से ही प्राप्त होती है । कथा के माध्यम से मनुष्य को रहन सहन व्यवहार, नीति, ज्ञान, धर्म पालन आदि की शिक्षा और प्रेरणा मिलती है ।  मनुष्य धर्म की राह पर चलने लगता है बुरे कर्मों का त्याग कर अच्छे कर्मों का धारण करना ही धर्म है । इस कलयुग में हरि नाम संकीर्तन ही मोक्ष का मुख्य आधार है मनुष्य को चाहिए कि वह अपने धर्म की रक्षा करते हुए अपने समाज और मां-बाप की सेवा और आराधना करें इससे परमात्मा की सेवा अपने आप हो जाएगी । कहा कि सत्कर्म और सत्संग से मनुष्य के पाप धुलते हैं कथा में परम पूज्य लक्ष्मी प्रपन्न जियर स्वामी जी के दर्शन के लिए बलिया ही नहीं बल्कि कई जनपदों के अलावा आसपास के राज्यों के लोगों की बड़ी संख्या में उपस्थित हो रही हैं। 

रिपोर्ट:-नितेश पाठक

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