प्रसाद के रूप में खाई खिचड़ी तो हुआ चमत्कार, ठीक हुईं बीमारी
बलिया। इसे चमत्कार कहें या मां काली की कृपा, लेकिन हैं हकीकत। अब तक इसके सैकड़ों लोग गवाह भी हैं, जिन्होंने केवल खिचड़ी खाकर ना सिर्फ असाध्य रोगों को मात दी है बल्कि दूसरे रोगियों के लिए नजीर भी बन गए है। हालांकि इसमें पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर के पुजारी रामबदन भगत की भूमिका भी खास है, जिनके द्वारा दी गई जड़ी बूटियां और प्रसाद स्वरूप खिचड़ी के सेवन ने बीमारी ठीक करने में मददगार साबित हुईं।
अपनी व्यथा सुनाते हुए बिहार के बक्सर जिला गायघाट गाँव निवासी राम जी राय बताते हैं कि लंबे समय उनकी पत्नी चंदू देवी पेट के दर्द की बीमारी से ग्रस्त थे। काफी इलाज के बाद भी कोई आराम नहीं मिल रहा था। इसी दौरान उनको पकड़ी धाम स्थित मां काली मंदिर की महिमा के बारे में जानकारी हुई। बस फिर क्या था वे लोग वहां पहुंच गए और मां की स्तुति करने लगे और मंदिर के पुजारी और मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत से अपनी समस्या बताई। उनकी व्यथा सुन पुजारी ने पहले उन्हें मां का प्रसाद के रूप में खिचड़ी दिया और मां से अपनी अर्जी लगाने की सलाह दी।
राम जी राय बताते हैं कि इसके बाद मानों चमत्कार सा हुआ, जिस बीमारी के निदान के लिए वह तमाम बड़े शहरों के डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाए और निराश होकर लौट आए वह पकड़ी धाम स्थित मां काली के मंदिर आने और खिचड़ी खाने से ही छूमंतर हो गई।
शनिवार को खिचड़ी खाने के लिए लगता हैं तांता
पकड़ी धाम स्थित माँ काली मंदिर में शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस दौरान भक्त अपनी गुहार भी मां के दरबार में लगाते हैं. साथ ही वापस लौटने से पहले मंदिर में वितरित होने वाले प्रसाद के तौर पर खिचड़ी खाना नहीं भूलते. आलम यह है कि खिचड़ी लेने के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगतीं है. मंदिर के पुजारी राम बदन भगत स्वयं अपनी निगरानी में प्रसाद का वितरण कराते हैं. कुछ श्रद्धालु तो प्रसाद घर भी लेकर जातें हैं.
डेस्क
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