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भगवान की कथा श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं:- जीयर स्वामी




दुबहर:-भगवान की कथा श्रवण करने से मन के शुद्धिकरण  के साथ-साथ हमारे दिल दिमाग से कुरीतियां दूर होती है। कथा की सार्थकता सिद्ध करने के लिए इसे अपने जीवन और व्यवहार में धारण करना अति आवश्यक होता है।  श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं। उक्त बातें  भृगु क्षेत्र में जनेश्वर मिश्रा सेतु एप्रोच मार्ग के निकट हो रहे चातुर्मास व्रत में संत श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने शनिवार की देर शाम प्रवचन में कहीं। उन्होंने बतलाया कि मानव के कल्याण के लिए सरल और सुगम साधन भगवान की कथा है। भगवान की कथा को सुनने से पहले धर्म और शास्त्रों का अनुसरण करना होता है।  जिसके द्वारा हम अनुशासित होते हैं उसी का नाम शास्त्र है।  जीवन में समस्या और दुश्वारियां के बाद भी जो हमें सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है वही धर्म होता है।  जिसे धारण किया जा सके वह धर्म है।  और जिसे त्याग कर दे वही और अधर्म होता है।हमारे किए हुए कर्मों का फल शुभ और अशुभ के रूप में हमें प्राप्त होता है। कहा कि मृत्यु जीवन का सास्वत सच होता है ,जो व्यक्ति भगवान का कीर्तन करता है उसे कभी मृत्यु का भय नहीं रहता।

भगवान परशुराम के प्रसंग की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम का अवतार नीति ,धर्म, मर्यादा व न्याय को स्थापित करने व धर्म से विमुख हो चुके अत्याचारी राजाओं को दंड देने के लिए हुआ था।

रिपोर्ट:-नितेश पाठक

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