Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

जहा सांसारिक तापों से मुक्ति मिल जाए वही आश्रम :-जीयर स्वामी

 



 दुबहर:- क्षेत्र में हो रहे चातुर्मास यज्ञ में शनिवार के दिन श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा सुनाते हुए संत लक्ष्मी प्रपन्न जियर स्वामी जी महाराज ने धर्म के विषय पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि जिसको पकड़ने से, जिसको सुनने से, जिसको करने से व्यक्ति गिरने से बच जाता है वही धर्म है । व्यक्ति को जो व्यवहार अपने लिए पसंद ना हो वह व्यवहार दूसरों के लिए ना करें ,यही धर्म है । कहा कि धर्म के वेद उपनिषद में दस लक्षण बताते हुए उनकी विस्तृत व्याख्या की । कहा कि जो भी व्यक्ति गलत तरीके से धन संग्रह करके सुख भोगने का काम करता है । उसको एक दिन उसका फल भी भोगना पड़ता है उसके द्वारा गलत तरीके से कमाए गए धन का फल उसके कुटुंबी जन को भी भोगना पड़ता है।  इसलिए जीवन में अनीति अन्याय और गलत तरीके से धन कमाने की चिंता नहीं करनी चाहिए । इस प्रसंग से संबंधित एक पौराणिक कथा भी समझा कर लोगों को चेताया । कहा कि जो राजा और शासन करने वाला व्यक्ति साम दाम दंड भेद का प्रयोग राज चलाने के लिए नहीं करते हैं वह सही मायने में अच्छे तरीके से राज्य का संचालन नहीं कर पाते हैं । उन्होंने आश्रम का अर्थ बताते हुए कहा कि जहां जाने के बाद श्रम का विश्राम हो जाए वही आश्रम है । जहां सांसारिक दैहिक दैविक भौतिक तापों से मुक्ति मिल जाए वही आश्रम है । आश्रम पिकनिक मनाने की जगह नहीं है ।

रिपोर्ट:-नितेश पाठक

No comments