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जीवन मे सदाचार लाने के लिए आहार का शुद्ध होना नितांत आवश्यक:-जीयर स्वामी

 



दुबहर, बलिया :- मनुष्य को पवित्रता ,सरलता,जप, तप,ध्यान ,मन - वाणी - शरीर से संयमता, सभी प्राणियों के प्रति दयालुता के साथ सदाचार धारण करके भगवान की आराधना करते हुए अपना जीवन यापन करना चाहिए। 

उक्त बातें भारत के महान मनीषी संत त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने जनेश्वर मिश्रा सेतु मार्ग के निकट हो रहे चातुर्मास व्रत में प्रवचन के दौरान शनिवार की देर शाम कहीं। 

उन्होंने कहा कि सिद्ध पुरुष ज्ञान और विज्ञान से संपन्न होते हैं।  इसलिए ज्ञानी पुरुष को परमात्मा प्रिय होते हैं, और परमात्मा को ज्ञानी पुरुष प्रिय   होते हैं। जो मनुष्य भगवान की भक्ति प्राप्त करना चाहते है उन्हें भागवत कथा श्रद्धा के साथ बार-बार श्रवण करना चाहिए।

गृहस्थ के लिए जो कर्म शास्त्रों में बताए गए हैं ,उन्हें अवश्य करना चाहिए।  मानव जीवन निर्वाह की सफलता कर्मों के बिना नहीं हो सकती है।  इसलिए शास्त्र सम्मत कर्म करना चाहिए।

स्वामी जी ने बतलाया कि आहार की शुद्धि से अंतःकरण की शुद्धि होती है। सभी वर्णों आश्रमों में रहकर आहार शुद्धि से भगवत भक्त बढ़ती है।  जीवन में अगर सदाचार लाना चाहते हैं तो सर्वप्रथम आहार को शुद्ध करना चाहिए।



रिपोर्ट:-नितेश पाठक

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