शास्त्र हमें जीवन जीने की शिक्षा देता है :- लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी
दुबहर - छल,कपट चोरी, बेईमानी, अनीति, उपद्रव द्वारा धन, संपत्ति इत्यादि संग्रह नही करना चाहिए, अनीति के वृक्ष पर पाप के फल का सुख का स्वाद बहुत दिनों तक कामयाब नही रहेगा। कुछ दिनों के लिए हो सकता है की अनीति पर चलने से हम बढ़ जाए लेकिन कामयाब नही होंगे।
उक्त बातें भारत के महान मनीषी संत त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने जनेश्वर मिश्रा सेतु एप्रोच मार्ग के निकट हो रहे चातुर्मास व्रत के दौरान अपने प्रवचन में कही।
स्वामी जी ने कहा कि शास्त्र वह है जो जीवन को संचालित करने की शिक्षा देता है। शास्त्र व्यक्ति को जीवन जीने के अनुशासन से परिचित कराता है। शास्त्र के अभाव में मनुष्य पशु के समान हो जाता है। शास्त्र हमे सिखाता है कि जीवन में कैसा आचरण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भगवान की शरणागति करने पर भगवान अपने भक्तों पर दया करने के लिए बाध्य हो जाते हैं। शरणागति के माध्यम से भक्तों का उद्धार हो जाता है।
उन्होंने कहा कि जगत् तथा जगत् की वस्तु में आसक्ति का त्याग होना चाहिए।
हमे जो भी भोजन मिलता है उसे भगवान का प्रसाद समझ ग्रहण कर लेना चाहिए।
रिपोर्ट:- नितेश पाठक
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