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आगामी त्यौहार को देखते हुए जिले में दो माह तक की अवधि के लिए धारा-144 लागू

 


रिपोर्ट : धीरज सिंह


बलिया। जिला मजिस्ट्रेट सौम्या अग्रवाल ने बताया है कि महानवमी 04 अक्टूबर को एवं दुर्गा मूर्ति विसर्जन/दशहरा का पर्व 05 अक्टूबर को मनाया जाएगा तथा आगामी त्यौहार ईद-ए-मिलाद/बाराबफात, दीपावली और छठ पूजा एवं गुरुनानक जयंती/कार्तिक पूर्णिमा को दृष्टिगत रखते हुए जनपद सीमा के भीतर निवास करने वाले तथा आने जाने वाले समस्त व्यक्तियों के लिए आगामी दो माह तक की अवधि के लिए धारा-144 लागू किया गया है।


उन्होंने कहा कि किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एक समूह के रूप में एक साथ एकत्रित नहीं होगे और न ही कोई जुलूस निकालेगें और न ही कोई धरना प्रदर्शन करेगा और न ही कोई ऐसी अफवाह फैलायेगें। विशेष परिस्थितियों में जुलूस आदि के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। यह प्रतिबन्ध परम्परागत, सामाजिक या धार्मिक संस्कारों एवं रीति-रिवाज तथा जुमे की नमाज पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र जैसे लाठी, डण्डा, चाकू, भाला, फरसा, बन्दूक, राइफल रिवाल्वर, पिस्टल आदि आग्नेयास्त्र या अन्य धारदार हथियार एवं किसी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ को लेकर नहीं चलेगा। यह प्रतिबन्ध सिक्खों द्वारा परम्परागत रूप से धारण होने वाले कृपाण तथा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। बूढे, बीमार, विकलांग, अपंग तथा अन्य व्यक्ति सहारे के लिए लाठी, डण्डे अथवा छड़ी का प्रयोग कर सकते है।  सार्वजनिक स्थान, मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, चर्च, सड़क मकान के अन्दर अथवा छत पर ईट, पत्थर, शीशा, बोतल व कॉच के टुकड़े तथा विस्फोटक आदि एकत्र नहीं करेगें। कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिकता भड़काने वाले पोस्टर, बैनर, कटआउट आदि न तो लगायेगा तथा ऐसी अफवाह अथवा ऐसा नारा नहीं लगायेगा और न ही ऐसा पर्चा छापेगा और न बटवायेगा तथा सड़क, जल मार्ग, रेलमार्ग, कार्यालय, पेट्रोल पम्प आदि का घेराव नही करेगा, न ही यातायात के आवागमन में अथवा किसी प्रकार के सार्वजनिक संचार आदि व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न करेगा। कोई भी व्यक्ति ऐसा भाषण या नारा नहीं लगाएगा, न ही इस प्रकार का प्रचार प्रसार करेगा जिससे कि जनभावनाओं को ठेस पहुंचे, लोक शांति व्यवस्था प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने की संभावना हो। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।

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