धन के लालच में किसी से विश्वासघात नहीं करनी चाहिए:- जीयर स्वामी
दुबहर:- धन के लालच में किसी के साथ विश्वासघात नहीं करनी चाहिए। सुख भोगने के लालच में अगर किसी मित्र साथी के साथ या किसी भी व्यक्ति के साथ धन के लोभ में विश्वासघात किया जाए यह कदापि उचित नहीं है। इसे बहुत बड़ा दोष लगता है।
उक्त बातें भारत के महान संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने जनेश्वर मिश्र सेतु एप्रोच मार्ग के निकट हो रहे चातुर्मास व्रत में अपने प्रवचन के दौरान कही। स्वामी जी ने बतलाया की भागवत कथा अनुष्ठान पूर्वक सुनने पर कल्याण होता है। कथा सुनने के समय संसारिकता से अलग एकाग्रचित्त होने पर फल प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति पापी दुराग्रही के साथ हो, वह भी महापापी ही होता है। ब्राह्मण, गाय, परिजन और महापुरुषों की हत्या और विश्वासी के साथ विश्वासघात करना महापाप की श्रेणी में आता है। शराब पीने, जुआ खेलने, हत्या करने करने वाले की सम्पति प्रायः नष्ट हो जाती है। उन्होंने कहा कि मांस, मनुष्य के लिए उचित नहीं। मांस खाने के लिये परपोषी जीवों का कुतर्क नहीं देना चाहिए। मुनष्य के शरीर की संरचना परपोषी जीवों से अलग है। अगर मुनष्य छः माह कच्चा माँस खा ले तो चर्म रोग के साथ ही उसका पाचन तंत्र बुरी तरह कुप्रभावित हो जाएगा। अपने स्वार्थ और गलत इच्छा की पूर्ति के लिए कुतर्क का सहारा नहीं लेनी चाहिए।
रिपोर्ट:- नितेश पाठक
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