एंटी रेबीज डे : कुत्ता,बिल्ली व बंदर के काटने पर घाव पर मिर्च, तेल व ज्वलनशील पदार्थ न लगाएं बल्कि समय से टीकाकरण कराएं : डा० राकिफ अख्तर
रतसर(बलिया) कुत्ता,बिल्ली व बंदर के काटने पर घाव पर मिर्च, तेल व अन्य ज्वलनशील पदार्थ लगाने से बचना चाहिए। इसके लिए जागरुकता जरूरी है। समय से टीकाकरण होने से पीड़ित पर रेबीज का असर नही होता।भूलवश यदि व्यक्ति में रेबीज का संक्रमण हो गया तो फिर यह लाइलाज ही है। स्थानीय सीएचसी परिसर में बुद्धवार को एंटी रेबिज डे के अवसर पर " वन हेल्थ,जीरो डेथ्स " विषयक गोष्ठी में अधीक्षक डा०राकिफ अख्तर ने आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत हर साल सामुदायिक स्तर पर जानकारी साझा की जाती है। डा०अख्तर ने बताया कि रेबीज का संक्रमण फैलने पर व्यक्ति फोटोफोबिया,थर्मोफोबिया,हाइड्रोफोबिया व एयरोफोबिया से ग्रसित हो जाता है।कुत्ता,बिल्ली आदि,जानवरों के काटने पर घाव को 15 मिनट तक साबुन और साफ पानी से अच्छी तरह धोएं एवं स्प्रिट,एल्कोहल या घरेलू एंटीसेप्टिक का इस्तमाल करें।एंटी रेबीज टीकाकरण का पूर्ण कोर्स लें तथा अन्धविश्वास से दूर रहे।साथ ही घाव को हाथ से न छुएं। घाव पर मिट्टी,मिर्च,तेल,जड़ी- बूटियों का प्रयोग न करें। ध्यान रहे कि घाव वाले स्थान पर न तो टांके लगवाए और न ही उसे ढकें। इस अवसर पर डा०अमित वर्मा,बीपीएम आशुतोष सिंह,बीसीपीएम अनिल कुमार,फार्मासिस्ट साधुशरण आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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