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पांच माह का बकाया भुगतान मांगा तो, लंपी बीमारी के बावजूद पशुओं को हटाने का दिया फरमान



हल्दी।विकास खंड बेलहरी के ग्राम पंचायत बघऊंच में 2019-20 में 50 लाख की लागत से बना गो आश्रय स्थल अब बिरान हो जायेगा। क्योंकि मंगलवार को उपजिलाधिकारी सदर व मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने गोशाला पहुंच कर सभी पशुओं को अन्यत्र हटाने का फरमान सुनाया। हालांकि इस घटना को षड़यंत्र के तहत देखा जा रहा है, क्योंकि कोई अधिकारी स्पष्ट नहीं बोल रहा है।

विकास खंड बेलहरी के बघऊंच ग्राम पंचायत स्थित करीब 50 एकड़ में फैले गो आश्रय स्थल के संरक्षक/ ग्राम प्रधान शिवपूजन राम ने 14 अक्टूबर 22 को जिलाधिकारी बलिया से लगायत प्रमुख सचिव पशुधन उ.प्र. सरकार लखनऊ,निजी सचिव  समेत मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखकर गो आश्रय स्थल पर पशुओं का चारा व मजदूरी पांच माह का भुगतान न मिलने की शिकायत किया था। पत्र में कहा था कि 10 अक्टूबर से पशुओं का भूसा,चारा,खरी, चोकर आदि जरुरी सामान समाप्त हो गया है। जिसके कारण पशुओं की मरने की संख्या भी लगातार बढ़ रही है साथ में चेताया भी था कि अगर पांच माह का बकाया भुगतान जल्दी नहीं हुआ तो पशुओं को छुट्टा छोड़ दिया जायेगा। एक पखवाड़े बीत जाने के बाद भी भुगतान तो नहीं हुआ लेकिन शिकायती पत्र से खार खाये अधिकारियों ने मंगलवार को गो आश्रय स्थल पर पहुंचकर गोशाला को अस्थाई बताते हुए पशुओं को अन्यत्र ले जाने की बात कही।इस बावत पूछे जाने पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. गौतम सिंह ने कहा कि यह गो आश्रय स्थल अस्थाई है स्थाई गोशाला पर पशुओं को भेजा जा रहा है। 


हल्दी।जिले का सबसे  बड़ा पशु आश्रय स्थल जो करीब 50 एकड़ भूमि में फैला है। इस गो आश्रय स्थल में कभी 500 से अधिक गोवंश रहते थे। इस गो आश्रय स्थल को देखकर तत्कालीन जिलाधिकारी हरिप्रताप शाही ने संरक्षक को पीठ थपथपा चुके है। लेकिन आज बंद होने के कगार पर है।



सिर्फ पांच बछड़ा ही भेजा गया 

हल्दी। उपजिलाधिकारी सदर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खंड विकास अधिकारी बेलहरी, खंड विकास अधिकारी चिलकहर वह थानाध्यक्ष हल्दी मौके पर पहुंचे थे करीब तीन सौ पशुओं को ले जाने आई जिला प्रशासन की टीम ने सिर्फ पांच बछड़ों को लेकर गई।



हल्दी। जिले में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाला ददरी मेले में पशुओं की खरीदारी करने के लिए अन्य प्रदेशों से भी बढ़े पैमाने पर व्यापारी आते है। जिसका जिला प्रमुख स्थान है। जिलाधिकारी ने  लंपी बीमारी के चलते ददरी मेला में व बैरिया में लगने वाला सुदिष्ठ पुरी मेला में पशुओं का मेला न लगाए जाने का आदेश जारी किया है। ताकि पशुओं में लंपी का प्रसार न हो। बावजूद ढाई-तीन सौ पशुओं को अन्यत्र ले जाना कहां तक ठीक होगा यह समझ से परे है।



रिपोर्ट एस के द्विवेदी

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