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कुष्ठ रोग का समय से इलाज शुरू करने से दिव्यांगता से बचाया जा सकता है

 




रतसर (बलिया)।कुष्ठ रोग छुने से नही फैलता है। कुष्ठ रोगियों से भी सामान्य रोगी जैसा व्यवहार करने तथा नियमित रूप से एमडीटी दवा का सेवन करने से यह बिल्कुल ठीक हो सकता है। वहीं कुष्ठ रोगियों का अगर ठीक समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो उन्हें दिव्यांगता से बचाया जा सकता है। यह बातें अधीक्षक डा०राकिफ अख्तर ने सोमवार को राष्ट्रीय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्थानीय सीएचसी पर आशा कार्यकर्ताओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान कही।



 उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग, माइक्रो वेक्टीरियम लेपरी नामक एक जीवाणु की वजह से होता है। यह मनुष्य की तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। किसी भी आयु की स्त्री या पुरुष पर यह जीवाणु असर कर सकता है। कुष्ठ पर्यवेक्षक गोपाल जी पाण्डेय ने प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कुष्ठ रोग के लक्षण,पहचान,जांच और इसके उपचार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समाज में कुष्ठ रोग को लेकर कई भ्रांतियां हैं। इनकी वजह से इससे प्रभावित लोग इस रोग को छिपाते है और इसका इलाज नही हो पाता है। उन्होंने कुष्ठ रोग के लक्षण की जानकारी देते हुए कहा कि चमड़े पर दाग या धब्बा,जिनमें निश्चित रूप से सुन्नपन हो,तंत्रिका में सूजन एवं एवं तंत्रिका क्षेत्र में सुन्नपन,चमड़े पर अनेक उभरे दाग,गांठे आदि कुष्ठ रोग के लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि पांच से कम दाग पाए जाने पर छ: माह में रोग एमडीटी से बिल्कुल ठीक हो जाता है वही पांच से अधिक दाग मिलने पर एक साल तक एमडीटी का इलाज चलाने से मरीज ठीक होने के साथ-साथ दिव्यांगता नही होती है। इसका इलाज जनपद के सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में होता है।इस अवसर पर पीएमडब्लू विक्रमा यादव,अनिल कुमार बीसीपीएम, बीपीएम आशुतोष कुमार सिंह,पर्यवेक्षक अमर सिंह,डब्लूएचएचओ मानिटर नीरज सिंह, यूनीसेफ से प्रतीक राय के साथ ही एएनएम एवं आशा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

By Dhanesh Pandey 

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