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नहीं रहे दुबहर ब्लॉक के सबसे बुजुर्ग सेवानिवृत्त अध्यापक





कहा जाता है कि मेह (बारिश) और मौत किसी के हाथ में नहीं होती है।

मर्यादा प्रभु श्रीराम भगवान होकर भी नियति के अन्दर बंधे रहे।

उनके पिताजी श्री दशरथ जी की मृत्यु हुई।

फिर हम तो इंसान हैं।

मृत्यु सत्य है और शरीर नश्वर हैं,

यह संसार प्रकृति के नियमों के अधीन हैं

और परिवर्तन एक नियम है

शरीर तो मात्र एक साधन है।

होनी को कौन टाल सकता हैं,

ईश्वर की इच्छा के सामने हमसब बेबस है।


दुबहर स्थानीय क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पांडेपुर निवासी श्री सुदर्शन पांडेय शनिवार की रात्रि 100 बसंत देखने के बाद अपना भरा पूरा परिवार छोड़कर परलोक वासी हो गए।उनकी उम्र लगभग 101 वर्ष के हो चुके थे परिवार के सदस्यों का कहना है कि इनकी उम्र का इस क्षेत्र में कोई नहीं था। जिस समय भारत में अंग्रेजी हुकूमत थी उस समय इन्होंने क्षेत्र और समाज के लिए उनके खिलाफ बिगुल फूका था। परिजनों का कहना है की इन्होंने जिस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण किया उसी विद्यालय से प्रधानाध्यापक बनकर रिटायर हुए। बचपन से ही इनका स्वभाव गरीब असहाय लोगों की सेवा करना था। इनकी अंत्येष्टि रविवार के दिन शिवरामपुर घाट पर सम्पन्न हुई।मुखाग्नि इनके छोटे पुत्र डॉक्टर सत्येंद्र नाथ पांडेय (उपेंद्र) ने दिया।

क्षेत्रवासियों ने पुण्यात्मा को शब्दशून्य श्रद्धांजलि अर्पित की।




रिपोर्ट त्रयंबक पांडेय गांधी

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