Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

जनपद के न्यायाधीश के कर कमलों द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ उद्घाटन






बलिया। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को दीवानी न्यायालय परिसर में हुआ। जिसका उद्घाटन जनपद न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार पाण्डेय ने दीप प्रवज्वलित करके किया। राष्ट्रीय लोक अदालत में 17,234 वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें सिविल, अपराधिक, राजस्व, बैंक विवाद इत्यादि के कुल 14,894 वाद निस्तारित किये गय। इस दौरानसमझौता धनराशि तेरह करोड़ चार लाख दो हजार 663रूपये तथा मौके पर ही कुल धनराशि तीन करोड़ तीन लाख 38 हजार 985 रूपये की वसूली की गई। राष्ट्रीय लोक अदालत में 35 वैवाहिक वादों का निस्तारण किया गया। इसके अलावा नगर निकायों द्वारा 121, विद्युत विभाग द्वारा 11, दूरसंचार विभाग द्वारा आठ, बैंकों द्वारा 1431, उपभोक्ता फोरम द्वारा 27, राजस्व परिषद द्वारा 11585 और मोटर क्लेम 38 वादों का निस्तारण किया गया।


राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नरेन्द्र पाल राणा के नेतृत्व में किया गया। जिसमें न्यायालय के समस्त पीठासीन अधिकारीगण, समस्त बैंक प्रबन्धकगण एवं समस्त कर्मचारीगण व वादकारी उपस्थित रहें। राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद न्यायाधीश जितेंद्र कुमार पांडेय के अलावा एडीजे हुसैन अहमद अंसारी, विशेष न्यायाधीश (एस0सी0/एस0टी0 एक्ट) श्रीमती मनीषा, विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) महेश चन्द्र वर्मा, एडीजे (पाक्सोएक्ट) गोविन्द मोहन, एडीजे नितिन कुमार ठाकुर, एडीजे अरूण कुमार-तृतीय,


अपर जनपद न्यायाधीश (पाक्सोएक्ट) विनोद कुमार, एडीजे/ एफटीसी हरिश चन्द्र, सीजेएम सुश्री शांभवी यादव, सिविल जज (सी0डि0) सर्वेश कुमार मिश्रा, एसीजेएम प्रथम तपस्या त्रिपाठी, सिविल जज (जूडि) पूर्वी, श्रीमती कविता कुमार, जेएम प्रथम विराट मणि त्रिपाठी, सिविल जज (जूडि) पश्चिमी-आशीष थिरानिया, जेएम, द्वितीय राजीव रंजन मिश्रा, सिविल जज (जू0डि0) रसड़ा धम्म कुमार सिद्धार्थ, अपर सिविल जज (जू0डि0) द्वितीय प्रवीन कुमार प्रियदर्शी,


सिविल जज (जू0डि0)/एफटीसी द्वितीय धर्मेन्द्र कुमार भारती, सिविल जज (जू0डि0)/एफटीसी प्रथम चन्दन सिह,विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार मिश्रा, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पृथ्वीपाल यादव, अतिरिक्त न्यायाधीश श्रद्धा तिवारी और मोटर क्लेम के पीठासीन अधिकारी बद्री विशाल पाण्डेय आदि मौजूद रहे।


रिपोर्ट त्रयंबक पांडेय गांधी

No comments