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.....और छूमंतर हो गई किडनी की बीमारी

  






बलिया। इसे चमत्कार कहें या मॉ काली की कृपा, लेकिन हैं हकीकत, तभी तो जिसको डॉक्टरों ने किडनी फेल होने की बात बता कर कुछ ही दिनों का मेहमान बताया था, वह कमलाकांत उपाध्याय पकड़ी धाम स्थित मां काली के प्रसाद और पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गई जड़ी बूटियों के सेवन से आज खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहा है। 




अपनी व्यथा सुनाते हुए बिहार के दरवन निवासी कमलाकांत बताते हैं कि पहले उनको पेट में दर्द हुआ। शुरुआती दिनों में तो उन्होंने इसका डॉक्टरों से उपचार कराया, लेकिन बीमारी ठीक होने की बजाए लगातार बढ़ती जा रही थी।




इसके बाद उन्होंने दर्द के उपचार के लिए पहले मऊ और बीएचयू में उपचार कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। उम्मीद की किरण तो तब धूमिल होती दिखी जब डॉक्टरों  ने किड़नी खराब होने की बात बताई और कहा कि यह बीमारी तुम्हारे के जीवन का अंत कर देगी। बताया कि इसी दौरान मुझे  किसी ने पकड़ी धाम स्थित मां काली मंदिर की महिमा के बारे में बताया और वहां जाकर मां की स्तुति करने की सलाह दी।




 बताते हैं कि मैं परिवार को लेकर पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंचा और मंदिर के पुजारी और मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत से अपनी समस्या बताई। मेरी व्यथा सुन पुजारी ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और फिर जड़ी दी और उसके नियमित सेवन की बात कही। बताते हैं कि इसके बाद मानों चमत्कार सा हुआ, जिस पीड़ा के निदान के लिए वह तमाम बड़े शहरों के डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाए थे और निराश होकर लौट आए थे, वह पकड़ी धाम स्थित मां काली के मंदिर में आते ही छूमंतर हो गई।






 


डेस्क

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