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अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है मंगल पांडेय का स्मारक परिसर


 

मंगल पांडेय के गरिमा के अनुरूप उनके सम्मान में जनपद में कोई भी बड़ा कार्य नहीं हो सका


दुबहर ।  हिंदुस्तान की आजादी की लड़ाई का प्रथम इतिहास लिखने वाला बलिया जनपद का नगवा गांव आज़ादी के अमृतकाल महोत्सव के दौरान भी अपनी उपेक्षा पर आशू बहा रहा है। इसको लेकर रविवार के दिन मंगल पांडे विचार मंच की आवश्यक बैठक क्षेत्र के घोड़हरा स्थित एस जी पब्लिक स्कूल में कृष्ण कांत पाठक की अध्यक्षता में आयोजित की गई । बैठक को संबोधित करते हुए मंगल पांडे विचार मंच के अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक ने कहा कि हिंदुस्तान की आजादी की लड़ाई की शुरुआत बलिया जनपद के नगवा गांव निवासी शहीद मंगल पांडे ने 1857 में सर्व प्रथम अपने प्राणों की आहुति देकर की थी । लेकिन आजादी के इतने बरस बीत जाने के बाद भी शहीद मंगल पांडे के सम्मान में बलिया जनपद में  उनके गरिमा के अनुरूप कोई ऐतिहासिक कार्य नहीं हो सका है ।  जिससे कि बाहर के लोग शहीद मंगल पांडे को बलिया  जनपद से पहचान सके । हालांकि इसके लिए मंगल पांडे से जुड़ी विभिन्न संस्थाएं समय-समय पर अपनी आवाज सरकार एवं जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाती रही हैं । आलम यह है कि उनके पैतृक गांव नगवा स्थित स्मारक भी जर्जर अवस्था में है जो कब धराशाई हो जाए कहा नहीं जा सकता । बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जंगे आजादी के महानायक शहीद मंगल पांडे के गरिमा के अनुरूप बलिया में कोई ऐतिहासिक कार्य कराने के लिए नगर के विधायक एवं उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह से मंगल पांडे विचार मंच का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मिलेगा । बैठक में मुख्य रूप से कृष्णकांत पाठक, नागेन्द्र तिवारी, रणजीत सिंह ,अन्नपूर्णानंद तिवारी ,नागेंद्र तिवारी , बब्बन विद्यार्थी, नितेश पाठक, पन्नालाल गुप्त, संदीप गुप्ता सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

रिपोर्ट:- नितेश पाठक

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