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विश्व जनसंख्या दिवस पर निकाली जागरूकता रैली



बलिया : विश्व जनसंख्या दिवस पर मंगलवार को जन जागरूकता वाहन रैली निकली गयी। एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित समारोह में भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने जन- जागरूकता वाहन रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही जिला महिला चिकित्सालय में परिवार नियोजन साधनों की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में परिवार नियोजन की सेवाओं का स्टॉल लगाया गया  ।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी /परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ आनन्द कुमार ने समारोह में कहा कि विश्व में बढ़ती जनसंख्या के दृष्टिगत जन समुदाय को परिवार नियोजन एवं उसकी सेवाओं के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिवस पर लोगो को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जाता है। कम समय में गर्भ धारण करने से महिला के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह मातृ और शिशु मृत्यु-दर का प्रमुख कारण भी है। उन्होंने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा शुरू किया गया है जो 24  जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान शहर एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर अंतरा, छाया,कंडोम, माला एन, पीपीआईंयूसीडी, इंटरवल आयूसीडी की सेवाएं प्रदान की जाएंगी।उन्होंने परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने पर बल देते हुए बताया कि बिना चीरा बिना टांका पुरुष नसबंदी आसानी से की जाती है इससे पुरुष के स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का नकारात्मक असर नहीं पड़ता है ।

नोडल अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष 2022 मे विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान जिले में एक पुरुष एवं 64 महिलाओं ने नसबंदी कराई। 

उन्होने बताया कि मिशन परिवार विकास का मुख्य उद्देश्य है गुणवत्तापूर्वक परिवार नियोजन विकल्पों के लिए सूचना, सेवाएँ, आपूर्ति तक अधिकार आधारित प्रणाली के जरिये पहुँच बढ़ाना। बलिया जिले को मिशन परिवार विकास में शामिल किया गया है। जिले में पुरुष नसबंदी के लिए लाभार्थी को 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। महिला नसबंदी के लिए लाभार्थी को 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

उन्होंने बताया कि जिले की समस्त हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर स्टॉल लगाकर लोगों को सीएचओ के जरिये परिवार नियोजन साधनों के बारे में जानकारी और परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि सुनहरे भविष्य के लिए आमजन को अभी से परिवार नियोजन के साधन अपनाने के बारे में सोचना होगा| इसके लिए उपलब्ध स्थाई और अस्थाई साधनों का चयन अपनी मर्जी से करना होगा कि किसे, कब और कौन-सा साधन अपनाना चाहिए | 

फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर उपेंद्र चौहान ने कहा कि बच्चों के जन्म में तीन साल का अंतर मां और बच्चे को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के साथ ही मातृ मृत्यु-दर और शिशु मृत्यु-दर में भी कमी लाता है, इसलिए यह बहुत जरुरी है कि दो बच्चों के जन्म के भीतर तीन साल का अंतर होना चाहिए | उन्होंने बताया कि आमजन परिवार नियोजन कार्यक्रम / साधनों से सम्बन्धित समस्त सूचनाओं के बारे में निःशुल्क हेल्पलाइन नंबर 104 पर सम्पर्क कर जानकारी ले सकते हैं |

इस कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुमिता सिन्हा, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ अभिषेक मिश्रा ,जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव,उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट के परिवार नियोजन विशेषज्ञ संजीव कुमार आदि शामिल रहे।


By : Dhiraj Singh

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