Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

सन 1942 के आंदोलन में पूरे देश में सबसे पहले आज ही के दिन आजाद हुआ था नगर पंचायत रेवती

 


रेवती( बलिया) महात्मा गांधी द्वारा सन 1942 में चलाए गए अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की पहली सफलता रेवती के स्वतंत्रता सेनानियो ने हासिल कर 15 अगस्त 1942 को सरकारी प्रतिष्ठानो पर तिरंगा लहरा कर पूरे देश में सर्व प्रथम बलिया से चार दिन पहले यहां स्वराज्य स्थापित किया था।

15 अगस्त 42 को स्वतंत्रता वीरो ने गोपनीय रणनीति के तहत अचानक दलछपरा से पचरुखा गांव तक 5 कि मी लंबे रेल लाईन को तोड़ते हुए बाजार के मोती लाल केशरी के दुकान से मिट्टी तेल जबरन लेकर




रेवती थाने व रेलवे स्टेशन को आग के हवाले किया। इनके तेवर को देख पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भाग गए। करीब 9  दिनो तक स्वराज्य स्थापित रहा।गंगा नदी के रास्ते बलिया में प्रवेश करने के बाद अंग्रेज कप्तान नेदरशोल सेना के साथ रेवती पहुंचा।उसके आने की भनक लगते ही प्रमुख सेनानी रघुराई राम, बेचू पाण्डेय, जगरनाथ पाण्डेय, श्रीनाथ पाण्डेय, गंगा माली, विश्वनाथ केशरी, परमेश्वर तिवारी, विश्व नाथ पाण्डेय, रामनरेश ओझा,बद्री पाण्डेय,चन्द्रशेखर सिंह,नर्वदेश्वर पाण्डेय, कैलाश शंकर शर्मा,रमाशंकर लाल,बृजबिहारी सिंह,चन्द्रशेखर सिंह,ब्रम्हदेव राम, लालमोहर आदि भूमिगत हो गए थे। जबकि सूर्यनरायण मिश्र चंचरिक, यमुना हलुवाई पर कोड़े बरसाए गए। फरार बच्चा तिवारी,रामपूजन तिवारी के घर को अंग्रेजों ने फूक दिया । एकबाल लाल के घर में लूट पाट हुई थी। जूनियर हाईस्कूल में सन 1972 में स्थापित सेनानी शिलापट्ट पर आज भी 64 स्वंतत्रता सेनानीयों के नाम अंकित है। समाजसेवी बबलू पांडेय के प्रयास से शिलापट्ट का सौन्दर्यीकरण के पश्चात प्रति वर्ष राष्ट्रीय पर्व पर यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर नगर पंचायत रेवती के अध्यक्ष प्रतिनिधि कनक पांडेय ने नगर के 16 सेनानीयों के नाम का अंकित शिलापट्ट बीते 9 अगस्त को यहां लगाया गया।


पुनीत केशरी






No comments