Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

बलिया के रंगमंच पर जीवंत हुआ बागी बलिया का इतिहास




बलिया: 1942 के जन आंदोलन को रंगमंच पर नाटक के माध्यम से प्रस्तुत  कर  संकल्प के रंगकर्मियों ने ना सिर्फ अपने इतिहास को जीवंत किया, बल्कि अपनी वर्तमान पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत पर गर्व करने का अवसर भी दिया। नाटक के दो शो हुए और लगभग दो हजार लोगों ने इसे देखा। यह बलिया के रंगमंच पर एक नया कीर्तिमान बन गया। नाटक के पहले शो में सेंट जेवियर्स स्कूल धरहरा , सनबीम स्कूल अगरसंडा , द होराइजन गड़वार , फीनिक्स इंटरनेशनल स्कूल  निमिया पोखरा, पिनैकल स्कूल भृगु आश्रम , गुरुकुल स्कूल  गड़वार से  बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं शामिल रहे, जबकि दूसरे शो में बलिया नगर एवं आस पास के लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे । परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर व  जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्धघाटन किया। लगभग डेढ़ घंटे की प्रस्तुति को देखने के बाद जिलाधिकारी समेत मंत्री दयाशंकर सिंह व सांसद नीरज शेखर व सभी दर्शकों ने  कलाकारों के सम्मान में खड़े होकर देर तक ताली बजाई । 

अपने संबोधन में मंत्री दया शंकर सिंह ने कहा कि आज की प्रस्तुति देखने के बाद  मुझे सुखद आश्चर्य हो रहा है की हमारे जनपद में  रंगमंच के इतने प्रतिभावान  कलाकार हैं। उन्होंने कहा कि बलिया के रंगमंच को को आगे बढ़ाने के जो भी प्रयास करने होंगे किए जाएंगे । उन्होंने नाटक के निर्देशक आशीष त्रिवेदी को इस प्रस्तुति के लिए विशेष धन्यवाद दिया। संसद नीरज शेखर ने कहा कि  संकल्प संस्था ने अपने इतिहास को मंच पर जीवंत किया है, वह अद्भुत है । कलाकारों के उच्च कोटि के अभिनय ने हमें 1942 के दौर में पहुंचा दिया था । जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने रंगमंच को समृद्ध करने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद करने की बात कही । नाटक के एक एक दृश्य पर लोग भावुक होकर ताली बजाते रहे।  विशेष रूप से बलिया  कलेक्ट्रेट पर जानकी देवी द्वारा फहराया गया। तिरंगा झंडा और बलिया जेल से रिहा होकर चित्तू पांडे का जिलाधिकारी बनना दर्शकों को उत्साह से भर दिया। नाटक में  कई ऐसे भावुक दृश्य भी आए जब लोगों की आंखे नम हो गई । बैरिया बलिदान वाले दृश्य को देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए । संकल्प साहित्यिक , सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया द्वारा श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज में चलाए गए एक महीने के कैंप में इस नाटक को तैयार किया गया था । नाटक में आनंद कुमार चौहान , अनुपम पांडे ,राहुल चौरसिया ,आलोक यादव, विशाल जायसवाल ,आलिया विश्वकर्मा ,मुस्कान गुप्ता, आयुषी तिवारी ,शिवांगी ठाकुर, सुप्रिया पांडे, शालिनी गुप्ता, सना ,जीनत ,अमरजीत, रजत, विनीत वर्मा, रितेश, शिवम , ऋतिक ,राहुल , पांडे, यश गुप्ता, आदित्य चौरसिया  ,रूद्र सिंह ,चंदन गुप्ता ,वीरेंद्र कुमार पाल, राजू, उत्कर्ष शर्मा ,रितेश कुमार, ऋषभ , जन्मेजय वर्मा ,सुशील, गुड़िया चौहान, मौसम कुमार  आदित्य चौहान  ने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया । नाटक में संगीत कृष्ण कुमार  मिठू का था । पार्श्व गायन नितेश , ढोलक अमित , पार्श्व संगीत सोनू सहनी का था । मेकअप ,  कस्तूम  और प्रस्तुति  नियंत्रक ट्विंकल गुप्ता का । नाटक का लेखन और निर्देशन आशीष त्रिवेदी का रहा । 

सहयोगी संस्था के रूप में चंद्रशेखर हाफ मैराथन समिति बलिया , एक्सप्रेशन कल्चरल सोसाइटी एवं सुभाष चंद्र सेवा संस्थान बलिया  की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मंचन के बाद सभी कलाकारों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डाक्टर जनार्दन राय ने एवं संचालन उमेश सिंह ने किया।



By Dhiraj Singh

No comments