नाबालिक लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में एक आरोपी की 14 वर्ष करवास की सजा व 20 हजार रुपये का जुर्माने से दंडित
बलिया : न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) बलिया न्यायाधीश प्रथम कांत की अदालत ने नाबालिक लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में अभियुक्त देवेंद्र बिंद उर्फ देवेंद्र चौधरी पुत्र शिवपूजन बिंद साकिन आरख जोगिया थाना कृष्णाब्रम्ह जिला बक्सर बिहार के खिलाफ दोष साबित पाते हुए 14 वर्ष के करवास एवं₹20000 के जुर्माने से दंडित करने का आदेश किया जुर्माना अदा ना करने पर 6 माह के साधारण करवास से दंडित किया। और साथ ही अर्थ दंड की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान करने का भी आदेश किया । संक्षेप में मामला यह है कि वादी मुकदमा ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था कि वादी की पुत्री पीड़िता जिसकी उम्र लगभग 17 वर्ष है दिनांक 20 सितंबर 2017 को दिन बुधवार को अपनी चाची के साथ समय लगभग 5:30 बजे सुबह शोच करने के लिए जा रही थी कि पहले से घात लगाकर बैठे कुछ लोगों ने रास्ते पर बोलोरो गाड़ी खड़ी किए थे जबरन वादी की पुत्री पीड़िता को खींचकर गाड़ी में बैठआ कर भाग गए वादी के भाई की पत्नी शोर मचाने लगी तब तक गाड़ी आंखों से ओझल हो गई । घर पर आकर सारी बात बताई । वादी ने भी ढूंढना शुरू कर दिया, बहुत ढूंढने के बाद भी वादे की पुत्री और अपहरण कर्ताओं का पता नहीं चला दिनांक 21 सितंबर 2017 को फोन आया कि वादी की लड़की बोल रही थी की देवेंद्र पुत्र शिवपूजन अरखा जोगिया थाना कृष्णा ब्रह्म जिला बक्सर बिहार जिसकी रिश्तेदारी वादी के गांव में है अपने कोई दोस्तों के साथ जीने में जानती पहचानती हूं मुझे जबरदस्ती उठा ले गया और मेरे साथ जबरदस्ती कई बार दुष्कर्म कर चुका है। तब वादी ने इसकी सूचना थाना नरही पर दिया था नरही की पुलिस ने वादी की पुत्री को बरामद कर सुपुर्दगी में दे दिया उसके बावजूद भी नरहीं थाने पर मुकदमा नहीं लिखा गया ।वादी थाने पर दरोगा जी द्वारा डॉटकर के भगा दिया वादी ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक बलिया को की कोई कार्रवाई नहीं हुई तो न्यायालय में आकर आवेदन दिया। आवेदन के आधार पर न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश किया जिस पर थाना नरही पर मुकदमा दर्ज हुआ, और उसका विवेचना प्रारंभ किया दौरान विवेचना विवेचक ने अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेने के पश्चात अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र तय किया और उसका विचारण प्रारंभ किया अभियोजन के तरफ से प्रस्तुत समस्त साक्षयो का समयक परिसिलन व अवलोकन करने के पश्चात व अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष की बहस सुनने के उपरांत अभियुक्त के खिलाफ दोष साबित पाया और अभियुक्त को 14 वर्ष के करा वास और ₹20000 के जमाने से दंडित किया जुर्माना न अदा करने पर अभियुक्त को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भी भोगना होगा।
By- Dhiraj Singh
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