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बोले जमाकर्ता नही मिला सहारा इंडिया का पैसा तो लोकसभा चुनाव का होगा बहिष्कार

 



बैरिया(बलिया)नान बैकिंग सहारा इण्डिया मे जमा, जमाकर्ताओ का धन कब और कैसे मिलेगा ? यह प्रश्न तमाम जमाकर्ताओ को परेशान करके रख दिया है।जमाधन कैसे मिलेगा न इसके लिए सरकार को चिन्ता है न नान बैकिंग सहारा इण्डिया को।इसको लेकर जमाकर्ता काफी परेशान है।हर मामले मे भाजपा यह कहती है कि मोदी की गारन्टी है।आखिर सहारा मामले मे कौन गारन्टी लेगा,कि जमाकर्ताओ की खून पसीने की जमा कमाई उन्हे मिल सके।यह मामला बहुत बड़ा है।यह मामला लोक सभा चुनाव के दौरान बड़ा मुद्दा बन सकता है।जिसकी सुगबुगाहट होने लगी है।द्वाबा मे यह आग सुलग चुकी है।

चाहे सहारा के जमाकर्ता हो या कर्मचारी या अभिकर्ता सभी सरकार के इस उदासीन रवैया से बैकफुट पर आ गये है।उन्हे नान बैकिंग सहारा इण्डिया मे जमा धन का भुगतान कैसे मिले इसको लेकर परेशान है।हार थक कर सभी एक स्वर से यह कहते सुने जा रहे है कि अब एक की विकल्प बचा है।लोक सभा चुनाव का बहिष्कार।शायद ऐसा करने से उन्हें भुगतान प्राप्त हो जाये।

इस सन्दर्भ मे रामपुर निवासी अनिष पाण्डेय का कहना है कि समाज के 90 फिसदी परिवारो का कुछ न कुछ धन सहारा इण्डिया मे जमा है।सरकार को इसकी तनिक भी चिन्ता नही कि आखिर जमाकर्ता का भुगतान कब और कैसे होगा ? आखिर सरकार लोगो का पैसा भुगतान क्यो नही करा पा रही हैं।कही सरकार पैसे को हड़पना तो नही चाहती है।भुगतान नही हुआ तो लोक सभा चुनाव का बहिष्कार होगा।दलन छपरा के पूर्व प्रधान विद्यासागर यादव का कहना है कि सरकार की उदासिनता से ही सहारा इण्डिया  मे लाखो लोगों को करोड़ो रूपया फंसा हुआ है।अब तो गांव गांव मे लोक सभा चुनाव बहिष्कार का बैनर पोस्टर लगा कर लोगों को जागरुक किया जायेगा।दोकटी निवासी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि अब बहुत हुआ सरकार आम जनता का पैसा डूबाना चाहती है।जो सर्वथा गलत है।अगर  भुगतान शिघ्र सरकार नही कराती है तो लोक सभा चुनाव बहिष्कार के अलावा हम लोगों के पास कोई चारा नही है।दलन छपरा निवासी अजब नरायण सिंह ने बताया कि सहारा से भुगतान प्राप्त करने के लिए हम लोग पहले भी आन्दोलन कर चुके है।अब गांव गांव घूम कर जमाकर्ताओ से बातचित कर हम लोग लोक सभा चुनाव बहिष्कार की तैयारी मे लगे है।प्रयास है कि सभी जमाकर्ताओ  को लोक सभा चुनाव बहिष्कार के लिए प्रेरित कर ले।इसके लिए जनस म्पर्क शुरु कर दिया गया है।



रिपोर्ट : शिवदयाल पांडेय "मनन"

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