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महाशिवरात्रि का महापर्व 8 मार्च को : शिवरात्रि व्रत रखने से व्यक्ति को होते हैं भोग एवं मोक्ष दोनो ही प्राप्त




*इस बार महाशिवरात्रि पर तीन शुभ योग का संयोग बन रहा है*


गड़वार (बलिया) हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है। हर माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत और चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि पड़ती है। फाल्गुन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का महत्व सबसे अधिक होता है। इस दिन माता पार्वती और शिवजी का विवाह हुआ था। प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष अराधना की जाती है। फाल्गुन माह में प्रदोष और शिवरात्रि एक ही दिन यानि 8 मार्च को है। प्रदोष व्रत उदयातिथि के नियमानुसार रखा जाता है। और शिवरात्रि में रात्रि पूजा का महत्व होता है। इस बार महाशिवरात्रि पर तीन शुभ योग का संयोग भी बन रहा है। इस दिन शिव तथा सिद्धि और सर्वाथ सिद्ध का योग बन रहा है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहितों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं,अविवाहितों की शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं।साथ ही घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। शिवपुराण की कोटि रुद्रसंहिता में कहा गया है कि शिवरात्रि व्रत करने से व्यक्ति को भोग एवं मोक्ष दोनों ही प्राप्त होते हैं।


रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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